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NV News:- कोरबा में 14 साल की नाबालिग से घर में घुसकर छेड़छाड़ और गाली-गलौज का मामला सामने आया है. जब पीड़ित परिवार थाना मामला दर्ज कराने पहुंचा तो परिवार को 5 घंटे तक थाने में बिठा कर रखा गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. दूसरे दिन महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई शुरू की गई है।
शहर के रामपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत निहारिका में किशोरी से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. वहीं, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार की ओर से एसपी से की गई लिखित शिकायत में बताया गया कि अपराधिक प्रवृत्ति के युवक सोमू अग्रवाल और उसके साथियों ने नाबालिग के साथ न सिर्फ छेड़छाड़ की बल्कि घर में घुसकर किशोरी से बदसलूकी की. जब पीड़िता शिकायत दर्ज करने रामपुर चौकी पहुंची तो पीड़ित परिवार को 5 घंटे थाने में बिठा कर रखा गया. गंभीर किस्म के मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. घटना के अगले दिन शुक्रवार को महिला आयोग की सदस्य ने इस मामले को संज्ञान में लिया और पीड़ित परिवार के साथ खुद थाने पहुंची, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की.
ये है पूरा मामला:
घटना का मुख्य आरोपी सोमू अग्रवाल भाजपा के युवा नेता बद्री अग्रवाल का छोटा भाई है, जिसके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं. चाकूबाजी से लेकर मारपीट के कई मामलों में सोमू का नाम शामिल है. किशोरी की मां ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत में कहा कि “28 अप्रैल की शाम को 4 बजे हम अपने घर में थे. इसी दौरान सोमू उर्फ सोमनाथ अग्रवाल, अमन परवेस, राहुल पटेल अपने साथियों के साथ जबरन घर में घुस आया. 14 वर्षीय बेटी का हाथ पकड़ कर छेड़खानी और गला दबाकर मारते हुए गंदी-गंदी गालियां देने लगा. फिर परिजनों से भी बदसलूकी की. सोमू बार-बार हम राहुल चौधरी के आदमी हैं, ऐसा कहते हुए, यह भी कह रहा था कि अभी जेल से छूटा हूं, फिर जेल गया तो मुझे राहुल भैया छुड़वा लेंगे. इस दौरान आरोपियों ने अश्लील बातें की और जान से मारने की धमकी भी दी”.
महिला आयोग की सदस्य पीड़ित परिवार के साथ पहुंची थाने:
अधिवक्ता अर्चना उपाध्याय वर्तमान में राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं. पीड़ित परिवार ने इस मामले में अर्चना उपाध्याय से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद पीड़ित परिवार को लेकर उपाध्याय सीधे रामपुर चौकी पहुंच गईं. उपाध्याय ने जिले के पुलिस को आड़े हाथ लिया, उन्होंने कहा कि” मैंने स्वयं जिले के पुलिस अधीक्षक को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. पुलिस जनता की रक्षा के लिए होती है. ना कि घर में घुसकर छेड़खानी की घटना के बाद महिला शिकायतकर्ता को 5 घंटे तक थाने में बिठाने के लिए. घटना के बाद पूरा परिवार दहशत में है”.
हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दिखाई सक्रियता :
महिला आयोग की सदस्य अर्चना उपाध्याय जब रामपुर चौकी पहुंची और पुलिस पर दबाव बनाया. तब जाकर पुलिस इस मामले में सक्रिय हुई है. जिले में पदस्थ महिला डीएसपी लितेश सिंह को किशोरी का बयान लेने भेजा गया, कार्रवाई फिलहाल जारी है.
संज्ञान में नहीं : इस विषय में जिले के एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा का कहना है कि “इस तरह के मामले की शाम तक कोई जानकारी नहीं मिली है. यदि ऐसी कोई घटना घटी है तो इसे तत्काल संज्ञान में लेकर ठोस कार्रवाई की जाएगी”.