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NV News बिलासपुर/रतनपुर: एक ओर जहां प्रशासन गौवंशों की सुरक्षा और सड़क हादसों को रोकने के दावे करता नहीं थकता, वहीं दूसरी ओर बीती रात हुई एक दर्दनाक घटना ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी। रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बारीडीह में बीती रात एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने सड़क पर बैठे 20 से अधिक मवेशियों को रौंद डाला। इस दर्दनाक हादसे में 17 गायों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 मवेशी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा बारीडीह स्थित नंदलाल पेट्रोल पंप के पास उस समय हुआ, जब रात करीब 11 बजे के आसपास कई मवेशी सड़क पर बैठे हुए थे। तभी रतनपुर की ओर से आ रहा एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन बिना ब्रेक लगाए सीधे मवेशियों के झुंड पर चढ़ता चला गया। वाहन की गति इतनी तेज थी कि अधिकतर मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद वाहन बिना रुके मौके से फरार हो गया। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में मवेशियों को इस तरह कुचला गया हो। इससे पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
घटना की सूचना मिलने पर रतनपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। पुलिस ने मृत और घायल मवेशियों को हटवाया और अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि आरोपी वाहन और उसके चालक की पहचान की जा सके।
इस घटना को लेकर गौसेवकों और ग्रामीण संगठनों ने भी रोष व्यक्त किया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़कों पर बैठे मवेशियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
यह हादसा प्रशासन के उन दावों पर सवाल खड़े करता है, जिनमें कहा जाता है कि आवारा पशुओं की सुरक्षा और सड़कों की निगरानी के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि सड़क पर बैठने वाले मवेशी अब असुरक्षित हैं और वाहन चालकों की लापरवाही का शिकार हो रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन तत्काल इस मामले में कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
रतनपुर पुलिस ने कहा है कि जल्द ही आरोपी वाहन और चालक की पहचान कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घायल मवेशियों का स्थानीय पशु चिकित्सकों द्वारा इलाज कराया जा रहा है।