नवा रायपुर में बनेगी भव्य फिल्म सिटी, छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को मिलेगा वैश्विक मंच

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NV News Raipur:रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में अब राज्य की सांस्कृतिक और रचनात्मक प्रतिभा को नई उड़ान मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने नवा रायपुर में भव्य फिल्म सिटी के निर्माण की घोषणा की है, जिससे राज्य के कलाकारों, तकनीशियनों और फिल्म निर्माताओं को एक मजबूत मंच मिलेगा। यह फिल्म सिटी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश और विदेश के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनने की ओर अग्रसर होगी।

राज्य सरकार का मानना है कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, कला, परंपरा और विरासत बेहद समृद्ध है, जिसे वैश्विक मंच पर उचित पहचान दिलाने की जरूरत है। फिल्म सिटी का निर्माण इसी दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। इससे प्रदेश की कला को जहां एक ओर नया आयाम मिलेगा, वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए रोजगार के हजारों अवसर भी सृजित होंगे।

फिल्म सिटी के तहत आधुनिक तकनीक से सुसज्जित स्टूडियो, एडिटिंग सूट, ऑडिटोरियम, प्रशिक्षण केंद्र, ओपन थिएटर, पोस्ट प्रोडक्शन यूनिट, शूटिंग सेट, आवासीय व्यवस्था जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां न केवल बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं को आकर्षित किया जाएगा, बल्कि स्थानीय फिल्मकारों और कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिल्म सिटी का निर्माण पूरी तरह स्थानीय संसाधनों और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ी सिनेमा, नाचा-गम्मत, पंथी, राउत नाचा जैसे लोक कलाओं को विशेष स्थान दिया जाएगा, ताकि स्थानीय परंपराएं संरक्षित और संवर्धित हो सकें।

सरकार के इस निर्णय से न केवल रायपुर और नवा रायपुर के विकास को गति मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र फिल्म पर्यटन का हॉटस्पॉट भी बन सकता है। इससे होटल, ट्रांसपोर्ट, कैटरिंग, टेक्निकल सर्विसेज और अन्य सहायक उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह फिल्म सिटी योजनाबद्ध तरीके से विकसित होती है, तो यह मुम्बई और हैदराबाद जैसी फिल्म हब की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय सिनेमा मानचित्र पर स्थापित कर सकती है।

राज्य सरकार की इस पहल का फिल्म इंडस्ट्री और युवाओं ने स्वागत किया है। कई उभरते फिल्मकार और कलाकारों ने इसे “सपनों का मंच” बताया है, जहां उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर मिलेगा।

नवा रायपुर की फिल्म सिटी केवल एक इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक आत्मबल का प्रतीक बनेगी, जिससे राज्य की पहचान पूरे देश और दुनिया में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी।

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