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NV News:- रीवा,यशस्वी मिश्रा की उम्र महज 14 महीने की है, लेकिन इस छोटी सी उम्र में वो कारनाम कर दिखाया हैं, जिसके बाद तो गूगल भी शर्मिंदा हो जाए। दरअसल, यशस्वी की मेमोरी इतनी शार्प है कि वो जिस चीज को एक बार देख-सुन लेता है तो उसे भूलता नहीं है।
इसी वजह से यशस्वी को ‘रीवा का सर्च इंजन’ भी कहा जाने लगा है। तो वहीं, अब यशस्वी ने महज तीन मिनट में 26 देशों के नेशनल फ्लैग पहचान कर अपना नाम ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज कराया है। आइए जानते है यशस्वी मिश्रा के बारे में…।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने दिया था टास्क
14 महीने का यशस्वी मिश्रा अभी ठीक तरीके से बोलना भी नहीं सीखा है, लेकिन इतने कम समय में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाला दुनिया का पहला बच्चा बना गया है। जानकारी के मुताबिक, 26 देशों के नेशनल फ्लैग को पहचानने का टास्क वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने यशस्वी को दिया था। जिसके लिए 25 फरवरी 2022 को ऑनलाइन टेस्ट भी हुआ था। यशस्वी ने महज 3 मिनट में इस टास्क को पूरा कर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इसके लिए लंदन की संस्था ने यशस्वी मिश्रा सर्टिफिकेट भी जारी किया है।
14 महीने का यशस्वी मिश्रा रीवा का है रहने वाला
14 महीने के यशस्वीनन्ही उम्र में यह प्रतिभा देखकर माता पिता को एहसास हो गया की यशस्वी में अद्भुत मेमोरी है। अपनी इसी प्रतिभा के चलते यशस्वी देश में सबसे कम उम्र का पहला गूगल बॉय बन गया है। आपको बता दें कि गूगल बॉय के नाम से मशहूर कौटिल्य ने 4 वर्ष की आयु में वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब हासिल किया था। लेकिन यशस्वी ने महज 14 माह की आयु में यह कारनामा कर दिखाया है। बचपन से ही यशस्वी अद्भुत मेमोरी का धनी रहा है। मिश्रा मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा जिले के समान मोहल्ले का रहने वाला है। फिलहाल वो अपने पिता संजय मिश्रा के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शालीमार कॉलोनी में रहता है। यशस्वी के पिता संजय मिश्रा लखनऊ की एक विज्ञापन कंपनी के डायरेक्टर हैं। तो वहीं, संजय के पिता और यशस्वी के दादा हायर सेकंडरी स्कूल में प्राचार्य हैं, जो रीवा बस स्टैंड के समीप पैतृक मकान में रहते हैं। वहीं, यशस्वी की मां शिवानी मिश्रा कानूनविद हैं।
25 दिसंबर 2020 को हुआ था यशस्वी का जन्म
यशस्वी के पिता संजय मिश्रा ने बताया कि उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा पांच साल का व छोटा बेटा यशस्वी 14 महीने का है। यशस्वी का जन्म 25 दिसंबर 2020 को हुआ। यशस्वी की मां शिवानी मिश्रा बताया कि अपने जन्म के 4 से 8 महीने में ही यशस्वी ने अपनी मेमोरी पावर को विकसित कर लिया था। वो फूल और चित्र देखकर पहचान करने लगा था। फिर उसे हर दिन कई तरह के फूलों की पहचान करानी शुरू की। फ्लैश कार्ड के माध्यम से मां ने यशस्वी को अलग-अलग देशों के झंडे की पहचान करानी शुरू कर दी थी।
अद्भुत मेमोरी का धनी है यशस्वी
नन्ही उम्र में यह प्रतिभा देखकर माता पिता को एहसास हो गया की यशस्वी में अद्भुत मेमोरी है। अपनी इसी प्रतिभा के चलते यशस्वी देश में सबसे कम उम्र का पहला गूगल बॉय बन गया है। आपको बता दें कि गूगल बॉय के नाम से मशहूर कौटिल्य ने 4 वर्ष की आयु में वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब हासिल किया था। लेकिन यशस्वी ने महज 14 माह की आयु में यह कारनामा कर दिखाया है। बचपन से ही यशस्वी अद्भुत मेमोरी का धनी रहा है।