Share this
NV News:- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट ब्लॉक में स्थित एक गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सड़क नहीं होने के कारण गांव में रहने वाले युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है।
साथ ही यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो खाट और झेलगी के सहारे ग्रामीण 7 किलोमीटर पहाड़ी रास्तों पर पैदल चलकर हॉस्पिटल पहुंचते हैं। अब ग्रामीण खुद से श्रमदान करके 7 किलोमीटर सड़क बनाने में लगे हैं। साथ ही ग्रामीणों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
दरअसल विकासखंड मैनपाट के तराई में बसा परपटिया गांव के कई आश्रित ग्रामों में कई दशकों के बाद भी सड़क नहीं बना है। लगभग 300 आबादी वाले इस गांव के लोग बताते हैं कि तीन पीढ़ियों से किसी ने सड़क देखी ही नहीं। गांव के लोगों के लिए पहाड़ी रास्तों में आने जाने की नियति बन गई है। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण खाट और झेलेगी पर मरीज को 7 किलोमीटर दूर पैदल अस्पताल लेकर जाते हैं। वही इस गांव में सड़क नहीं होने के कारण यहां के युवकों की शादी में दिक्कत आती है। आज भी कई ऐसे युवक है, जिनकी शादी सड़क के अभाव के कारण नहीं हो सकी। कोई भी लड़की इस गांव में लड़के से शादी नहीं करना चाहती।
लोग 7 किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र में चलकर जरूर इस गांव में पहुंच जाते हैं, लेकिन स्थिति देख उसी रफ्तार से वापस भी हो जाते हैं। अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए चाहे वह गर्भवती महिला हो, गंभीर मरीज हो या बुजुर्ग उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए खाट और झेलगी का सहारा लेना पड़ता है। उसको 4 लोग अपने कंधों पर पहाड़ों के पगडंडी और घने जंगलों से लेकर गुजरते हैं। दरवाजे तक चार पहिया की बात तो दूर, दो पहिया वाहन भी नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में अब ग्रामीण श्रमदान कर के 7 किलो मीटर सड़क निर्माण के कार्य में लग गए हैं।