भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन कार पर सवार होकर संसद पहुंचे नितिन गडकरी, जानें क्या है इसकी खासियत

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NV News:-  नई दिल्‍ली ,  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को हाइड्रोजन कार पर सवार होकर संसद पहुंचे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब हाइड्रोजन कार से संसद भवन पहुंचे तो लोगों के लिए एक नया अनुभव था। इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि आत्‍मनिर्भर बनने की दिशा में हमने ग्रीन हाइड्रोजन को प्रस्‍तुत किया है। यह कार पायलट प्रोजेक्‍ट है। अब ग्रीन हाइड्रोजन का उत्‍पादन देश में किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, “भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया है और हम हाइड्रोजन का निर्यात करने वाला देश बन जाएंगे। देश में जहां भी कोयले का इस्तेमाल होगा वहां ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा।”नितिन गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि यह कार भारत का फ्यूचर है. पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों से काफी प्रदूषण फैलता है, लेकिन हाइड्रो फ्यूल सेल कार से बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है।

अहम बात यह है कि जिस हाइड्रोजन कार से नितिन गडकरी संसद पहुंचे वह टैंक फुल होने पर 600 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकतीहै और इसका खर्च प्रति किलोमीटर सिर्फ 2 रुपए आता है। यही नहीं अहम बात यह है कि हाइड्रोजन ईंधन को कार में भरने में सिर्फ 5 मिनट का समय लगता है।

पानी से बनता है हाइड्रोजन

नितिन गडकरी ने संसद में कहा था कि अब दिन वो दूर नहीं है कि जब हम लोग ग्रीन हाइड्रोजन से गाड़ी को चलाएंगे । ग्रीन हाइड्रोजन पानी से बनता है । उन्होंने कहा कि अब जल्द ही हम इस विकल्प की ओर आगे बढ़ेंगे । गडकरी ने कहा सीवेज वॉटर के इस्तेमाल से इसे बनाया जा सकता है । मैं अपने संसदीय क्षेत्र के सीवेज पानी को महाराष्ट्र सरकार को बेचता हूं , इससे हमे हर साल 325 करोड़ रुपए हमे रॉयल्टी मिलता है । इस पानी के इस्तेमाल से हम ग्रीन हाइड्रोजन बना सकते हैं । यह हाइड्रोजन सबसे सस्ता ईंधन होगा और प्रदूषण भी कम होगा । पीएम की इच्छा है कि हम पेट्रोलियम आयात करने वाले नहीं बल्कि निर्यात करने वाले बनें ।

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