रायपुर की पत्रकार प्रज्ञा प्रसाद KBC की हॉट सीट पर पहुंचीं: 7 महीने की कड़ी प्रक्रिया का अनुभव साझा किया

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रायपुर। राजधानी रायपुर की युवा पत्रकार प्रज्ञा प्रसाद अब देश के सबसे प्रतिष्ठित टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) की हॉट सीट पर दिखाई देंगी। प्रज्ञा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस उपलब्धि की जानकारी साझा की और चयन प्रक्रिया से लेकर हॉट सीट तक पहुंचने की अपनी पूरी कहानी विस्तार से बताई। उन्होंने इस अनुभव को अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया है।

 

प्रज्ञा के अनुसार KBC तक पहुंचने की राह बेहद लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है, जिसमें तकरीबन सात महीने की कठिन प्रक्रिया शामिल है। इसका पहला चरण तब शुरू हुआ जब अप्रैल 2025 में शो की फोन लाइन खुली, और उन्होंने नियमित रूप से सोनी लिव ऐप पर क्विज के उत्तर देने शुरू किए।

 

मुंबई तक की ऑडिशन यात्रा

 

प्रज्ञा ने बताया कि मई में उनका पहला सिलेक्शन कॉल आया, जिसमें कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से दो सवाल पूछे गए। सही जवाब के बाद तीसरा कॉल आया और उन्हें मुंबई बुलाया गया, जहां असली परीक्षा शुरू हुई।

 

मुंबई में उनका परीक्षा केंद्र पवार पब्लिक स्कूल था, जहां जनरल नॉलेज की लिखित परीक्षा हुई। इसी दौरान उनसे 100+ पन्नों की विस्तृत बुकलेट भरवाई गई, जिसमें जीवन, शिक्षा, व्यक्तित्व और अनुभव से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल शामिल थे।

उन्होंने बताया—

“सोचा था शायद लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाऊंगी, लेकिन रिजल्ट आते ही मैं पास घोषित हुई।”

 

इंटरव्यू और स्क्रीन टेस्ट

 

लिखित परीक्षा के बाद उनका 25 मिनट का पर्सनल इंटरव्यू और स्क्रीन टेस्ट लिया गया, जिसमें 4 अतिरिक्त GK प्रश्न पूछे गए। इसके बाद वे रायपुर लौट आईं।

कुछ समय बाद उन्हें फाइनल सेलेक्शन कॉल आया और शो की कई टीमों से रोज बातचीत होने लगी।

KBC उठाता है पूरा खर्च

प्रज्ञा ने यह भी बताया कि KBC एक कंटेस्टेंट और एक सहयोगी के यात्रा, होटल, भोजन और स्थानीय ट्रैवल का पूरा खर्च उठाता है।

केवल तीसरे व्यक्ति का खर्च प्रतिभागी को स्वयं करना पड़ता है।

हॉट सीट का असली संघर्ष – Fastest Finger First

प्रज्ञा के अनुसार शो का सबसे चुनौतीपूर्ण चरण “फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट” होता है। सवाल आसान होते हैं, लेकिन समय के भीतर सही क्रम में उत्तर देना सबसे मुश्किल काम है। उनके सामने आया सवाल भी कठिन था।

उन्होंने लिखा—

“हॉट सीट पर बैठने का दबाव घर से देखने जैसा बिल्कुल नहीं। वहां बैठकर सवालों का जवाब देना बिलकुल दूसरी दुनिया जैसा होता है।”

प्रज्ञा ने उन प्रतिभागियों के प्रति भी संवेदना जताई जो शुरुआती स्तर पर ही आउट हो जाते हैं।

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