सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी: 8वें वेतन आयोग का ऐलान, DA–DR मर्ज पर साफ किया स्टैंड

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के तहत वेतन और भत्तों की गणना के लिए एक विशेष समिति (कमेटी) भी बना दी है। माना जा रहा है कि यह आयोग वर्ष 2027 से लागू किया जाएगा।

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच लंबे समय से यह सवाल था कि क्या महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में मर्ज किया जाएगा? इस पर अब सरकार ने स्थितियां बिल्कुल साफ कर दी हैं।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का बड़ा बयान

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने साफ किया कि फिलहाल DA को बेसिक सैलरी में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसी तरह पेंशनर्स के लिए भी DR को पेंशन की बेसिक राशि में मर्ज नहीं किया जाएगा।

इससे पहले यह अटकलें लग रही थीं कि सरकार DA और DR को मूल वेतन में जोड़ सकती है, जिससे आगे की गणना नए वेतनमान के आधार पर होती।

क्या DA–DR मर्ज होगा? सरकार का जवाब

पहले माना जा रहा था कि सरकार DA को बढ़ाने के बजाय इसे बेसिक सैलरी में शामिल कर देगी। उदाहरण के लिए—

यदि किसी कर्मचारी की मूल सैलरी 30,000 रुपए है और DA मर्ज होने पर यह 55,000 रुपए हो जाए, तो अगले टर्म में 10% DA बनता 5,500 रुपए।

लेकिन सरकार ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं है।

DA कैसे तय होता है? जानिए पूरा फॉर्मूला

उद्देश्य: बढ़ती महंगाई का असर कम करने के लिए केंद्र सरकार कर्मचारियों को DA देती है।

गणना का आधार:

हर 6 महीने में DA की दरों की समीक्षा की जाती है।

यह AICPI-IW (अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – औद्योगिक श्रमिक) के आधार पर तय होता है।

DR का फॉर्मूला:

पेंशनर्स के लिए DR भी इसी फॉर्मूले से तय होता है।

DA और DR दोनों की दरें समान रहती हैं।

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