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NV News:- केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कामगार संगठनों ने 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। बैंक संगठनों ने हड़ताल का समर्थन करते हुए सोमवार और मंगलवार को बैंक बंद रखने का फैसला किया है।
हड़ताल व बैंकों की बंदी के चलते बैंकिंग, परिवहन, रेलवे, रक्षा व बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
वहीं, ऊर्जा मंत्रालय ने सरकार से सभी प्रतिष्ठानों और एजेंसियों को हाईअलर्ट पर रहने, निरंतर बिजली आपूर्ति बनाए रखने और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने को कहा है।
संयुक्त मंच में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं।कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी।
बंद का इन क्षेत्रों पर दिख सकता है असर
देशव्यापी हड़ताल में कोयला, स्टील, तेल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों के कामगार संघ शामिल हो सकते हैं। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें भी हड़ताल के समर्थन में कई जगहों पर एकत्र होंगी। इन कारण इन क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। इससे आम लोगों को परेशानी हो सकती है।
इन राज्यों में एस्मा के बावजूद प्रदर्शन
हरियाणा और चंडीगढ़ में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू करने की धमकी के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली विभागों के कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है। बैंकिंग और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र के कर्मी भी हिस्सा ले रहे हैं।
20 करोड़ से अधिक कामगार लेंगे हिस्सा : यूनियन
ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल के दौरान देशभर में 20 करोड़ से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक कामगार हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी कृषि व अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले कामगार इसमें शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कोयला, स्टील, ऑयल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों की कामगार संघों ने हड़ताल का नोटिस दिया है। रेलवे और रक्षा सेक्टर की यूनियनें भी हड़ताल के समर्थन में कई जगहों पर एकत्र होंगी।
ये हैं मांगे
कामगार संघों की मांगों में श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलावों को खत्म करने के साथ ही निजीकरण और सरकारी संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगाना शामिल है। साथ ही मनरेगा के तहत काम करने वालों के लिए आवंटन बढ़ाने की मांग भी शामिल है।
बैंक संघों की मांग, निजीकरण रोका जाए
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हमारी मांग सरकारी क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को रोकना और इन्हें मजबूत करना है। साथ ही फंसे कर्ज की शीघ्र वसूली, बैंको द्वारा उच्च जमा दर, उपभोक्ताओं पर निम्न सेवा शुल्क और बैंक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की भी मांग है।
कुछ हद तक प्रभावित होंगी बैंकिंग सेवाएं : बैंक
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि हड़ताल के कारण उसकी सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं। उसने कामकाज को सामान्य तौर पर संचालित करने के लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि बैंक के कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल को लेकर नोटिस दिया है, इससे सेवाओं पर असर पड़ सकता है। केनरा बैंक, आरबीएल बैंक, यूनियन बैंक ने भी कहा है कि उनकी सेवाओं पर असर पड़ सकता है। दो दिन की हड़ताल के बाद वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में क्लोजिंग के कारण 30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
विद्युत मंत्रालय ने जरूरी सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा
विद्युत मंत्रालय ने हड़ताल को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं के हित में सभी ऊर्जा प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड का दिन-रात संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। यह एडवाइजरी सभी राज्यों, केंद्रीय सरकारी क्षेत्र की कंपनियों, केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी, नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर और रीजनल लोड डिस्पैच सेंटरों को जारी किया गया है। कहा गया है कि सभी क्षेत्रीय और स्टेट कंट्रोल रूम एक्जीक्यूटिव हाईअलर्ट पर रहें और निगरानी बनाए रखें।
महत्वपूर्ण सब स्टेशनों, पावर स्टेशनों पर 24 घंटे तैनात रहें लोग
एडवाइजरी में कहा गया है कि अस्पताल, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं को विद्युत आपूर्ति सुचारु रखने के लिए महत्वपूर्ण सब स्टेशनों और पावर स्टेशनों पर 24 घंटे लोगों को तैनात करने को भी कहा गया है। सूचनाएं देने और किसी भी हालात से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने को भी कहा गया।
बंगाल : कर्मचारियों का दफ्तर आना जरूरी, नहीं तो कटेगा वेतन
बंगाल सरकार ने साफ कहा है कि दोनों दिनों सरकारी कर्मचारियों की दफ्तर में उपस्थिति अनिवार्य होगी। ऑफिस नहीं आने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही उन्हें दो दिन का वेतन भी नहीं मिलेगा। ममता सरकार ने कहा कि परिवार में बीमारी या मृत्यु जैसी आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर कर्मचारियों को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाएगा।