CGPSC 2024 Topper: सेल्फ-स्टडी से CGPSC टॉप , जानें देवेश साहू ने कैसे रचा इतिहास…NV News
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रायपुर/(CGPSC 2024 Topper): CGPSC 2024 के परिणामों में इस बार दुर्ग जिले के धनोरा निवासी देवेश प्रसाद साहू ने पहला स्थान हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया हैं। कुल 773.5 अंक के साथ वह सूचि में टॉप पर रहे। शांत स्वभाव, अनुशासन और लगातार मेहनत- इन्हीं तीन चीज़ों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।
2021 में शुरू हुई तैयारी, AI बना भरोसेमंद साथी:
देवेश ने अपनी तैयारी का सफर साल 2021 से शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने कोचिंग का सहारा लिया, लेकिन जल्द ही समझ आ गया कि, असली फर्क सेल्फ स्टडी से ही आएगा। इसलिए कोचिंग से मिली दिशा को आधार बनाकर उन्होंने दो साल तक पूरी तरह स्व-अध्ययन पर जोर दिया।
ग्रुप स्टडी ने भी उनकी तैयारी में अहम भूमिका निभाई। इससे उन्हें अपनी कमियों का पता चलता रहा और सुधार करने का अवसर मिला। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर उन्होंने समय का सही उपयोग किया। नोट्स के लिए उन्होंने AI टूल्स का इस्तेमाल किया और उन्हें अपनी पढ़ाई के अनुरूप तैयार किया,यह उनकी रणनीति का सबसे उपयोगी हिस्सा साबित हुआ।
10–12 घंटे की स्टडी रूटीन, निरंतरता ही बनी सफलता की कुंजी:
देवेश ने बताया कि, टॉपर बनने का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने पिछले दो सालों में रोजाना 10 से 12 घंटे की पढ़ाई की। इस दौरान उनका ध्यान सिर्फ एक बात पर था,निरंतर अभ्यास और खुद को बेहतर बनाना। उन्होंने कहा कि, कई बार थकान और मानसिक दबाव महसूस होता था, लेकिन उन्होंने अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाया और पढ़ाई के लिए हमेशा खुद को प्रेरित रखा।
• दो बार असफल, लेकिन हौसला नहीं टूटा।
• CGPSC की यात्रा देवेश के लिए आसान नहीं रही।
• पहला प्रयास (2021): 219 अंक।
• दूसरा प्रयास (2023): 179 अंक।
दोनों प्रयासों में मुख्य सूची में स्थान नहीं बना, लेकिन असफलता से वह टूटे नहीं। हर बार उन्होंने अपनी तैयारी में सुधार किया, गलतियों की समीक्षा की और नई रणनीति अपनाई। तीसरे प्रयास में उन्होंने पूरी क्षमता लगा दी और आखिरकार रिजल्ट उनके पक्ष में आया।
परिवार ने दिया पूरा साथ:
देवेश का परिवार उनकी सफलता का मजबूत आधार रहा। उनके पिता होलधर साहू, जो भिलाई स्टील प्लांट से सेवानिवृत्त इलेक्ट्रीशियन हैं, हमेशा उन्हें मानसिक मजबूती देते रहे। मां नंदिनी साहू, गृहणी होने के बावजूद, घर की जिम्मेदारियाँ संभालकर उन्हें पढ़ाई का पूरा माहौल देती रहीं। बहन भूमिका साहू, जो डोंगरगांव में हॉर्टिकल्चर RHEO हैं, ने भी उन्हें लगातार प्रेरित किया।
देवेश का पैतृक गांव बालोद जिले के जोरातराई में है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई उन्होंने बस्तर के जगदलपुर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से की। वहीं पढ़ाई के दौरान ही,उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में जाने का निर्णय लिया और उसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ते रहे।
देवेश की सफलता का मंत्र-धैर्य, अनुशासन और सीखने की ललक:
देवेश कहते हैं कि CGPSC जैसी प्रतियोगिता में सफलता पाने के लिए सिर्फ मेहनत ही नहीं, धैर्य और अनुशासन भी ज़रूरी है।उनके अनुसार-
• सही रणनीति,
• लगातार अभ्यास,
• समय का ईमानदार उपयोग,
• और मानसिक स्थिरता,
इन्हीं से सफलता का रास्ता बनता है। वे बताते हैं कि, असफलता से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। हर दिन थोड़ा-थोड़ा सुधार ही अंत में बड़ा परिणाम देता है।
CGPSC 2024 में टॉप करना देवेश के लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत, संघर्ष और समर्पण का परिणाम है।उनकी कहानी उन सभी युवाओं को प्रेरित करती है जो बड़े सपनों के साथ निरंतर मेहनत कर रहे हैं।
