CG Medical College: हाई-टेक बनेगा सिम्स, अब मिलेगा संक्रमण-मुक्त वातावरण…NV News

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रायपुर/बिलासपुर/(CG Medical College): छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) अब प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का नया मानक स्थापित करने जा रहा है। संस्थान में सेमीकंडक्टर आधारित एयर प्यूरीफिकेशन और स्टरलाइजेशन सिस्टम लगाया जाएगा, जिसके बाद सिम्स राज्य का पहला मेडिकल कॉलेज बन जाएगा जहाँ पूरे परिसर में मेडिकल-ग्रेड संक्रमण नियंत्रण की व्यवस्था उपलब्ध होगी। इस तकनीक के लागू होने से मरीजों, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण तैयार होगा।

इस अत्याधुनिक परियोजना को साकार करने के लिए सिम्स और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के बीच औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और SECL के महाप्रबंधक (CSR) सी. एम. वर्मा ने हस्ताक्षर किए। SECL इस परियोजना के उपकरण, स्थापना और तकनीकी संचालन का पूरा खर्च वहन करेगा। यह सहयोग सिम्स को प्रदेश के सबसे उन्नत चिकित्सा संस्थानों की श्रेणी में लाने का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

संक्रमण पर लगभग शून्य नियंत्रण:

नई तकनीक से लैस स्टरलाइजेशन सिस्टम हवा में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया और फंगस जैसे सूक्ष्म जीवों को लगभग 99 प्रतिशत तक निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है। यह क्षमता इसे परंपरागत एयर प्यूरीफायर और UV-आधारित सिस्टम से कई गुना अधिक प्रभावी बनाती है। इस प्रणाली के लगने के बाद अस्पताल के ICU, ऑपरेशन थिएटर, OPD, जनरल वार्ड और अन्य महत्वपूर्ण यूनिटों में संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

अस्पतालों में होने वाले हॉस्पिटल-अक्वायर्ड इंफेक्शन (HAI) मरीजों के उपचार समय को बढ़ा देते हैं और कई बार गंभीर स्थिति भी पैदा कर देते हैं। इस सिस्टम के बाद हवा में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या नियंत्रित रहेगी, जिससे मरीजों में संक्रमण फैलने की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी।

पूरे परिसर में नियंत्रित एयर क्वालिटी:

सिम्स के विशेषज्ञों के अनुसार, यह तकनीक लगातार हवा को शुद्ध करने के साथ-साथ अस्पताल परिसर में मेडिकल मानकों के अनुरूप एयर क्वालिटी सुनिश्चित करेगी। इससे डॉक्टरों को जटिल सर्जरी और गंभीर बीमारियों के उपचार में बेहतर वातावरण मिलेगा। वहीं मरीजों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल में रहना अधिक सुरक्षित और आरामदायक होगा।

नई प्रणाली का फायदा केवल गंभीर मामलों में ही नहीं बल्कि सामान्य वार्डों में भी मिलेगा। बल्ड बैंक, लेबर रूम, डायलिसिस यूनिट और पैथोलॉजी लैब जैसी जगहों पर संक्रमण नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती होती है। इस हाई-टेक सिस्टम के स्थापित होने से इन विभागों में भी उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

सिम्स को ‘हाई-टेक मेडिकल हब’ बनाने की दिशा में कदम:

छत्तीसगढ़ में तेजी से विकसित हो रही स्वास्थ्य सेवाओं के बीच सिम्स का यह प्रयास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में संस्थान ने मेडिकल शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोगी सेवाओं में कई सुधार किए हैं। अब हाईटेक स्टरलाइजेशन सिस्टम की स्थापना से सिम्स प्रदेश का पहला संस्थान बन जाएगा जहाँ उपचार के साथ-साथ पूरे अस्पताल को संक्रमण-मुक्त वातावरण देने की क्षमता मौजूद होगी।

SECL की CSR पहल के तहत यह परियोजना क्रियान्वित हो रही है। संस्था का मानना है कि, आधुनिक तकनीक से लैस अस्पताल न केवल मरीजों के इलाज में सुधार लाते हैं बल्कि चिकित्सा शिक्षा के मानकों को भी ऊंचा करते हैं। इससे मेडिकल विद्यार्थियों को भी उन्नत तकनीक के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।

जल्द शुरू होगा इंस्टॉलेशन:

MoU के बाद अब उपकरणों की आपूर्ति, इंस्टॉलेशन और परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सिस्टम लगने के बाद अस्पताल की एयर क्वालिटी अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानकों के अनुरूप हो जाएगी और सिम्स प्रदेश के सबसे सुरक्षित अस्पतालों में शामिल हो जाएगा।

इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य ढांचे में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा- जहाँ तकनीक सिर्फ इलाज में नहीं, बल्कि सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में भी अग्रणी भूमिका निभाएगी।

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