Share this
NV News:- बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोनल स्टेशन में इन दिनों ढोकरा कलाकृति का आकर्षण देखते ही बन रहा है। रेलवे के इस अभिनव प्रयास से एक ओर जहां मेक इन इंडिया का सपना पूरा हो रहा है तो वहीं रोजगार सृजन के साथ-साथ उत्पादक किसान, स्थानीय लघु कलाकारों, कारीगरों व हस्तशिल्पों की आय में वृद्धि हो रही है।
ट्रेन में चढ़ने से पहले या उतरने के बाद यात्री स्टाल में खरीदारी के लिए जरूर पहुंच रहे हैं।
जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक में इन दिनों बस्तर की प्रसिद्ध ढोकरा कलाकृतियों की मूर्तियां, देवता, हाथी, उल्लू, हिरण एवं अन्य जानवरों से लेकर अन्य चीजें हैं। तांबे व कांस्य से बनीं मिश्र धातुओं से निर्मित विलक्षण मूर्तियां देखने को मिल रही हंै। कालाकारों की शानदार कारीगरी को देखने ना केवल रेल यात्री बल्कि शहर की आम जनता भी पहुंच रही है। यही वजह है कि स्टाल में इन मूर्तियों को खरीदने लोग पहुंच रहे हैं। रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत 15 दिनों के लिए यहां स्टाल लगया है। अधिकारियों की मानें तो पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे शुरू किया गया है इसी तरह बढ़िया प्रतिसाद मिलने पर रेलवे नियमित स्टाल लगा सकता है। हालांकि यह सब कुछ ग्राहकों की खरीदारी पर निर्भर होगा।
देशभर में लोकप्रिय बनाना उदेश्य
रेलवे का मूल मकसद इस योजना से मेक इन इंडिया के जरिए नवाचार को बढ़ावा देना है। तभी तो बस्तर आर्ट के जरिए जोनल स्टेशन में इसकी शुस्र्आत की गई है। इससे स्थानीय लघु कलाकारों, कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री को अच्छा अवसर मिल रहा है। रेलवे की व्यापक पहुंच और महत्व को ध्यान में रखते हुए स्थानीय उत्पादों को देशभर में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों में स्थानीय इस योजना के तहत बिलासपुर में स्टाल लगाया गया