CG voter list correction: वोटर आईडी में गलत पता, शिकायतों की बाढ़…NV News 

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रायपुर/(CG voter list correction):छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बार कई मतदाता पता सुधार का विकल्प उपलब्ध न होने से परेशान हैं। खासतौर पर राजधानी रायपुर के सेजबहार क्षेत्र के वार्ड-20 में यह समस्या सबसे ज्यादा सामने आ रही है, जहां बड़ी संख्या में लोगों के मतदाता पहचान पत्र में पते गलत दर्ज हैं।

वार्ड-20 के निवासियों का कहना है कि, उनके गणना प्रपत्र में दर्ज पते वास्तविक मकान संख्या से मेल नहीं खाते। यदि इस बार के अपडेशन में पता संशोधन का विकल्प भी दिया जाता, तो उन्हें बार-बार सुधार के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ते। यह दिक्कत सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है- हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी फेस 1-2, गुलशन वाटिका फेस 1-2, गुडलक रेसिडेंसी और अविनाश कॉलोनी सहित कई नई बस्तियों में एक जैसी समस्या बनी हुई है।

इन इलाकों में करीब 2,500 मतदाता केवल वार्ड-20 में दर्ज हैं, जबकि सेजबहार ग्राम पंचायत में कुल मतदाताओं की संख्या 2003 में 1,561 थी जो अब बढ़कर 2025 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अनुसार 5,253 हो गई है। स्थिति यह है कि, पंचायत के 20 वार्डों में अकेला वार्ड-20 उतने ही मतदाताओं को समेटे है,जितने बाकी सभी 19 वार्ड मिलकर।

स्थानीय लोगों ने पंच, सरपंच, जिला पंचायत सदस्यों, विधायक, सांसद और संबंधित बीएलओ से आग्रह किया है कि, पते की त्रुटियों को शीघ्रता से ठीक कराने के लिए आवश्यक पहल की जाए। उनका कहना है कि,गलत पते की वजह से कई बार मतदान केंद्र भी दूर दिखते हैं, जिससे मतदान के दिन परेशानी बढ़ जाती है। मतदाताओं ने यह भी मांग रखी है कि, मतदाता सूची में पते से जुड़ी त्रुटियों को बिना विलंब ठीक कराया जाए, ताकि वे बिना बाधा अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

मदद के लिए ‘बुक ए कॉल विद बीएलओ’ (BLO) सेवा:

यदि मतदाता SIR के दौरान किसी भी तरह की दुविधा या सवाल रखते हैं, तो अब उन्हें सीधे अपने बीएलओ से बात करने का विकल्प मिल गया है। चुनाव आयोग ने ‘Book a Call with BLO’ नाम से नई टोल-फ्री सेवा शुरू की है।मतदाता अपने STD कोड के साथ 1950 पर कॉल कर किसी भी जानकारी के लिए बातचीत कर सकते हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग पर कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का आरोप:

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि,आयोग यह दावा कर रहा है कि,80 प्रतिशत मतदाताओं को प्रपत्र बांटे जा चुके हैं, जबकि वास्तविक स्थिति में 25 प्रतिशत मतदाताओं तक भी फॉर्म नहीं पहुंचे हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, कई बीएलओ घर-घर जाने की बजाय मोहल्लों में एक स्थान पर या स्कूल-आंगनबाड़ी जैसी जगहों पर बैठकर फॉर्म बांट रहे हैं, जिससे वृद्ध, महिलाएँ और कामकाजी लोग फॉर्म लेने से वंचित हो रहे हैं।

आयोग द्वारा सफेद बैकग्राउंड वाली पासपोर्ट फोटो अनिवार्य किए जाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए। ग्रामीण इलाकों में फोटो खिंचवाने की सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं है, इसलिए आयोग को इसका समाधान भी करना चाहिए। बैज ने सुझाव दिया कि, बीएलओ जब भी मतदाता के घर जाए, तो वह पहुंच प्रमाणपत्र लेकर आए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि, वह वास्तव में घर-घर पहुंचा है।

अंत में, उन्होंने SIR की समयसीमा को एक माह से बढ़ाकर तीन माह करने की मांग भी रखी है, ताकि सभी मतदाताओं को फॉर्म और सुधार का पूरा अवसर मिल सके।

इस पूरे मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि,नए विकसित इलाकों में मतदाता सूची अपडेट करने और पता सुधार की प्रक्रिया को और सरल बनाने की जरूरत है, जिससे मतदाता बिना किसी परेशानी अपने दस्तावेज और मतदान प्रक्रिया पूरी कर सकें।

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