CG Private travel scam: ड्यूटी पास का खेल! रेलवे अफसर फिर विवादों में…NV News
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बिलासपुर/(Private travel scam): दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर (DCCM) कौशिक मित्रा एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। पहले यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे इस अधिकारी पर अब ड्यूटी पास के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का नया मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच बताती है कि, मई से जुलाई के बीच उन्होंने ड्यूटी पास का इस्तेमाल दो-चार बार नहीं, बल्कि करीब 20 से 25 बार निजी यात्रा के लिए किया, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
सूत्रों के अनुसार, रेल अधिकारियों को ड्यूटी पास केवल आधिकारिक कामकाज से संबंधित यात्रा के लिए दिया जाता है। निजी यात्रा के लिए ‘सुविधा पास’ उपलब्ध होता है, लेकिन कौशिक मित्रा ने इस नियम को दरकिनार करते हुए ऑल इंडिया ड्यूटी पास का उपयोग बार-बार अपने घर कोलकाता जाने के लिए किया। इस लगातार दुरुपयोग की जानकारी मिलते ही रेलवे की विजिलेंस टीम तुरंत सक्रिय हो गई और जांच शुरू कर दी।
जांच टीम ने तीन महीनों के सभी यात्रा रिकॉर्ड, पास जारी करने से जुड़े दस्तावेज, बुकिंग विवरण और पूरे मूवमेंट लॉग की बारीकी से जांच की। बताया जा रहा है कि,प्रारंभिक जांच में कई यात्राएँ संदिग्ध पाई गई हैं- जिनके लिए न तो कोई आधिकारिक आदेश था और न ही ड्यूटी से जुड़े किसी कार्य का उल्लेख। विजिलेंस ने इन यात्राओं से जुड़े पर्याप्त रिकॉर्ड और संभावित सबूत भी जुटाए हैं।
रेलवे विभाग के अंदर इस मामले को बेहद गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि ड्यूटी पास का निजी उपयोग न सिर्फ वित्तीय नुकसान पहुंचाता है बल्कि अनुशासन, पारदर्शिता और वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। यही वजह है कि, विभागीय हल्कों में यह चर्चा तेज हो गई है कि, क्या इस मामले में अकेले अधिकारी की गलती है या पास जारी करने और सत्यापन के स्तर पर भी कहीं मिलीभगत या लापरवाही हुई।
सूत्र बताते हैं कि, विजिलेंस टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट लगभग तैयार कर ली है, लेकिन प्रशासनिक दबाव के कारण इसे फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया गया है। रिपोर्ट सामने आते ही विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। रेलवे नियमों में ड्यूटी पास का निजी उपयोग ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ के अंतर्गत आता है और लगातार उल्लंघन की स्थिति में यह ‘बर्खास्तगी योग्य अपराध’ भी माना जाता है।
कौशिक मित्रा के खिलाफ आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगा कि,रेलवे प्रशासन इस मामले को कितनी सख्ती से लेता है। फिलहाल पूरी रेलवे व्यवस्था और विभागीय कर्मचारियों की निगाहें विजिलेंस रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में इस विवादित अधिकारी की सेवा यात्रा का रुख तय कर सकती है।
