CG Health Department: आयुष्मान योजना में बड़ा घोटाला? 20 से ज्यादा निजी अस्पताल जांच के घेरे में…NV News

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बिलासपुर/(CG Health Department): छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने वाले निजी अस्पतालों की गतिविधियों पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने सख़्त रुख अपनाते हुए 20 से ज्यादा निजी अस्पतालों को जांच के दायरे में लिया है। इन अस्पतालों को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब मांगा गया है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो संबंधित अस्पतालों को योजना के तहत इलाज करने की अनुमति से वंचित किया जाएगा।

लगातार शिकायतों से खुली गड़बड़ियों की परतें:

स्वास्थ्य विभाग की नोडल एजेंसी को टोल फ्री नंबर आरोग्य 104 पर आयुष्मान योजना से जुड़े मरीजों की शिकायतें तेजी से मिल रही हैं। शिकायतों में इलाज से संबंधित अनियमितताएं, अनावश्यक पैकेज लगाना, मरीजों से मनमानी वसूली, उपचार में लापरवाही और दस्तावेजों में हेरफेर जैसे गंभीर मुद्दे सामने आए हैं। शिकायतों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि, शासन को व्यापक स्तर पर जांच प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।

हर जिले में आयुष्मान टीम की जांच जारी:

राज्य सरकार के निर्देश पर सभी जिलों की आयुष्मान भारत टीमों को अस्पतालों के रिकॉर्ड, उपचार प्रक्रिया, दस्तावेज और मरीजों की शिकायतों की गहन जांच करने को कहा गया है। जांच में जहां भी गड़बड़ी की पुष्टि होती है, वहां कठोर कार्रवाई की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि, कई अस्पताल पैकेज का दुरुपयोग कर रहे थे। कुछ स्थानों पर बिना आवश्यकता के ऑपरेशन किए जाने और फर्जी एडमिशन दिखाने की जानकारी भी सामने आई है।

जांच में दोषी पाए जाने वाले अस्पतालों को छह महीने तक आयुष्मान योजना से उपचार देने की अनुमति निलंबित की जा रही है। विभाग का कहना है कि, सरकारी धन का दुरुपयोग किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

20 से अधिक अस्पतालों को नोटिस, जवाब तलब:

बिलासपुर जिले में ही अब तक 20 से ज्यादा निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। सभी से सात दिनों के भीतर विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है। अधिकारी बताते हैं कि, नोटिस में साफ लिखा गया है कि, अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो अस्पतालों की योजना में सहभागिता तत्काल प्रभाव से रोकी जा सकती है।

जांच टीमें मरीजों से सीधे संपर्क कर रही हैं और उनके अनुभवों का सत्यापन भी किया जा रहा है। मरीजों के बयान और अस्पतालों के बिलों की तुलना में कई मामलों में बड़े अंतर पाए गए हैं।

अब तक सात अस्पतालों पर गिरी गाज:

जिले में अब तक कुल सात निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें तीन से छह महीने तक आयुष्मान योजना के तहत उपचार करने की अनुमति को निलंबित किया गया है।

इन अस्पतालों में शामिल हैं:

• शिव टाकीज रोड स्थित लाडीकर हॉस्पिटल

• तोरवा चौक के पास पेंडलवार हॉस्पिटल

• शशि मेमोरियल हॉस्पिटल, राजकिशोर नगर

• पूजा नर्सिंग होम, पुराना हाई कोर्ट रोड

• ओम श्री बालाजी नर्सिंग होम, देवनंदन नगर

• डॉ. मित्तल हॉस्पिटल

• देवकीनंदन चौक के पास स्थित रेंबो हॉस्पिटल

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट कहा है कि, यह कार्रवाई अंतिम नहीं है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी अस्पतालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

शासन की चेतावनी- अनियमितता बर्दाश्त नहीं:

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने साफ कहा है कि, आयुष्मान भारत एक गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए बनी योजना है, जिसका दुरुपयोग किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो भी अस्पताल सरकारी धन का गलत इस्तेमाल करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, जांच का उद्देश्य योजना की पारदर्शिता और मरीजों के हितों की रक्षा करना है, न कि, किसी संस्था को निशाना बनाना।

यदि जांच में और गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो राज्य सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। संभव है कि, दोषी अस्पतालों को स्थायी रूप से योजना से बाहर कर दिया जाए। इसके साथ ही विभाग डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी कर रहा है, ताकि भविष्य में अनियमितताओं को रोका जा सके।

आने वाले दिनों में जिले के कई और अस्पतालों की जांच रिपोर्ट सामने आएगी, जिसके बाद तस्वीर और साफ होगी कि, आयुष्मान योजना में कितनी बड़ी स्तर पर गड़बड़ी की जा रही थी।

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