जांजगीर-चांपा में रेत घाटों की ऑनलाइन नीलामी पूरी: 1551 आवेदनों से सरकार को मिला 1.51 करोड़ राजस्व
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जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में हसदेव और महानदी के रेत घाटों की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है। नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण में रिकॉर्ड संख्या में आवेदनों के आने से शासन को लगभग 1 करोड़ 51 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इससे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर भी काफी हद तक रोक लगने की उम्मीद है।
जिले में गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन पट्टा खदान आबंटन के लिए इलेक्ट्रॉनिक नीलामी (रिवर्स एक्शन) की प्रथम चरण की प्रक्रिया संपन्न की गई। इस चरण में कुल तीन रेत घाटों के लिए 1551 आवेदनों की प्राप्ति हुई, जिन पर प्रति आवेदन 10 हजार रुपए शुल्क निर्धारित था।
संयुक्त कलेक्टर संदीप ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक आवेदन जांजगीर-चांपा जिले से आए हैं। सर्वाधिक आवेदन शिवरीनारायण तहसील के भोगहापारा-2 घाट के लिए 841, बम्हनीडीह तहसील के पूछेली घाट के लिए 428 तथा बलौदा तहसील के केराकछार घाट के लिए 282 आवेदन मिले।
स्कूटनी के बाद केराकछार और पूछेली रेत घाटों की ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई।
केराकछार रेत घाट – पीयुष प्रताप सिंह पिता राम कुमार सिंह, ग्राम अकलतरी को आवंटित
पूछेली रेत घाट – आदर्श प्रताप सिंह पिता नवाब सिंह, भिलाई जिला दुर्ग को आवंटित
दोनों घाटों में 9-9 आवेदनों को अपात्र पाया गया। चूंकि वित्तीय बोली (रिवर्स एक्शन) मात्र 50 रुपए तक सीमित थी, इसलिए कंप्यूटरीकृत ऑनलाइन लॉटरी द्वारा आवंटन किया गया।
वहीं, भोगहापारा घाट के लिए स्कूटनी पूरी हो चुकी है और शासन के निर्देशानुसार आगामी तिथि पर ऑनलाइन लॉटरी से आवंटन किया जाएगा।
पहली बार कंप्यूटरीकृत ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम:-
इस बार छत्तीसगढ़ शासन ने रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। आवेदनों की स्कूटनी के बाद सभी पात्र आवेदनों को कंप्यूटराइज्ड लॉटरी बॉक्स में जोड़ा गया और बटन दबाते ही स्वचालित रूप से चयनित नाम स्क्रीन पर प्रदर्शित हुआ।
