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NV News:- बुधवार को 11 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को सर्व आदिवासी समाज ने पुरुर में नेशनल हाईवे धमतरी-कांकेर मार्ग पर सड़कजाम कर धरने पर बैठ गए । मिली जानकारी के अनुसार समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर सीएम व राज्यपाल निवास घेराव करने के लिए विभिन्न जिलों से एकजुट होकर राजधानी के लिए निकले थे।
पहले तो वे गाड़ियों में राजा राव पठार आयोजन स्थल पहुंचे। फिर वहा से पैदल मार्च करते हुए धमतरी की ओर बढ़ने लगे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन ने बल के साथ वहा पहुंच कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस बीच पुलिस के साथ समाज के लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बावजूद समाज के लोग पुरुर पहुंचकर वहीं सड़कजाम कर धरने पर बैठ गए। थोड़ी देर बाद भीड़ चिटौद की ओर बढ़ने लगे । देर शाम तक पुलिस प्रशासन व आसपास के जिले की टीम वहा पहुंचकर समाज के लोगों को वापस लौटने की समझाइश देते रहे। लेकिन समाज के लोग सीएम व राज्यपाल निवास घेरने जाने की बात पर अड़े रहे। जिसके चलते देर शाम तक नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
कलेक्टर व एसपी ने लोगों को समझाने की कोशिश की
पुलिस प्रशासन ने बड़ी संख्या में बल के साथ तैनात रही। इसके साथ ही विभिन्न थानों के टीआई सहित आसपास के जिले के कलेक्टर और एसपी भी मामले को देखते हुए समाज के लोगों को समझाने के लिए पहुंचे। शाम 7 बजे तक की स्थिति में आधी भीड़ पुरुर में रुकी रही। पुलिस के रोके जाने के बाद भी समाज के कई लोग पैदल धमतरी की ओर बढ़ने लगे हैं। समझाइस देने के बाद भी समाज के लोग वापस लौटने को तैयार हो नहीं रहे हैं। वे वही रात गुजारने की बात पर अड़े हुए है।
ये है समाज की मांगे
सरकेगुड़ा एडसमेटा, न्याययिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों की तुरंत रिहा किया जाए। अनुसूचित क्षेत्रों में संविधान सम्मत पेसा कानून के तहत हर गांव में ग्राम सरकार व हर जिले में जिला सरकार गठन करने प्रशासकीय व्यवस्था लागू हो। संविधान की 5वीं अनुसूची के पैरा 5(2) के तहत अनुसूचित क्षेत्र में भू-अधिग्रहण व भू-हस्तातरण को विनियमित करने के लिए आंध्र प्रदेश अनुसूचित क्षेत्र भूहस्तांतरण विनियम कानून (संशोधित) 1970 के तर्ज पर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में संशोधन कर कानून बनाया जाए।