CG DMF Scam: ACB-EOW की ताबड़तोड़ कार्रवाई,खनन घोटाले में 12 ठिकानों पर दबिश…NV News

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रायपुर/(CG DMF Scam): छत्तीसगढ़ में Dis जीबी अब जीबी trict Mineral Fund (DMF) घोटाले की जांच में बड़ी कार्रवाई करते हुए Anti Corruption Bureau (ACB)- Economic Offences Wing (EOW) की संयुक्त टीम ने बुधवार तड़के प्रदेश के चार जिलों में कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी की।

कहाँ हुई कार्रवाई?:

• रायपुर जिले में 5 स्थलों पर टीम ने दबिश दी।

• दुर्ग जिले में 2 ठिकानों पर छापा पड़ा।

• राजनांदगांव जिले में 4 ठिकानों पर कार्यवाही की गई।

• कुरूद (कुरुद) में 1 व्यापारी के यहाँ टीम पहुंची है।

टीम ने इन छापों के दौरान दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वित्तीय लेन-देनों से जुड़ी सूचनाएँ जब्त की हैं। स्रोतों के अनुसार, छापेमारी सुबह लगभग 5:30 से 6:00 बजे के बीच शुरू हुई, जिसमें करीब दस गाड़ियों में अधिकारी-सहायकों की टीम प्रमुख ठिकानों पर पहुंची।

राजनांदगांव में की कार्रवाई :

राजनांदगांव में एक साथ तीन प्रमुख ठिकानों पर दबिश दी गई। इनमें शामिल हैं:

• भारत माता चौक स्थित “राधा कृष्ण एजेंसी” के संचालक अग्रवाल परिवार के निवास पर।

• सत्यम विहार में यश नहाटा के घर पर।

• कामठी लाइन स्थित ललित भंसाली के यहां कार्यवाही हुई।

DMF फंड का लक्ष्य खनन-प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। इस घोटाले में आरोप है कि ठेकेदारों, सप्लायर्स और खदान विभाग से जुड़े मध्यस्थों ने ही इस फंड के कार्यों में अनियमितता की। पहले भी इस मामले में कई वरिष्ठ अधिकारी और कारोबारी आरोपी बन चुके हैं,जैसे निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सहायक आयुक्त माया वारियर, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी आदि।

छापों के दौरान अधिकांश ठिकानों से फर्जी फर्मों, बैंक खाता विवरण, डिजिटल रिकॉर्ड और बहुत संभवत: नकदी भी जब्त की गई है।

यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि जांच अब सिर्फ कागजी नहीं बल्कि सक्रिय मोड में है, जहां जड़ तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।मामले का दायरा संभवत: खनन-सप्लाई-ठेका चक्र तक फैला हुआ है, जिसमे कई क्षेत्रों और नाम शामिल हो सकते हैं।

जांच एजेंसियों को अब ठेके, भुगतान, बैंक खाते, फर्जी कंपनियों एवं मध्यस्थ बिचौलों में पैसों की आवाजाही की पड़ताल करनी है। छापेमारी के बाद उन सभी दस्तावेजों का विश्लेषण होगा जिन्हें टीमों ने जब्त किया है। संभव है कि आगे और नाम सामने आएँ और गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज हो।

छत्तीसगढ़ में DMF घोटाले की यह बड़ी कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि प्रशासन भ्रष्टाचार-प्रवण क्षेत्रों में सक्रिय है। हालांकि यह सिर्फ शुरुआत है असली मापदंड होगा कि इस कार्रवाई के बाद कितने ठेकेदारी चक्रों में पारदर्शिता आए, प्रभावित-जिला विकास कामों में अनियमितता बंद होगी और दोषियों को दोषसिद्धि हो सकेगी।

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