CG High Court:मंत्री के पीए ने सड़क पर मनाया बर्थडे,HC ने सरकार को लगी फटकार…NV News

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बिलासपुर/(CG High Court): छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उस वक्त कड़ी फटकार लगाई जब स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के निजी सचिव (पीए) राजेंद्र दास का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे अपनी पत्नी का जन्मदिन सड़क पर मनाते, केक काटते और आतिशबाजी करते नजर आए। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रशासन और सरकार सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ औपचारिक कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा-

“सरकार ऐसे मामलों को रोकने में असफल हो चुकी है। अब लगता है कि व्यवस्था पर नियंत्रण खत्म हो गया है। यदि सुधार नहीं हुआ, तो अदालत अवमानना की कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।”

वीडियो ने मचाया हड़कंप:

यह वीडियो नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र के डोमनहिल सोनावनी नाका का बताया जा रहा है। वीडियो में स्वास्थ्य मंत्री के पीए राजेंद्र दास अपनी पत्नी के साथ बीच सड़क पर केक काटते और पटाखे फोड़ते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला अदालत तक पहुंचा। सुनवाई के दौरान वीडियो कोर्ट के सामने पेश किया गया।

मुख्य न्यायाधीश ने राज्य के महाधिवक्ता से नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार केवल दिखावटी कार्रवाई कर रही है। “आप लोग बस एफआईआर दर्ज करते हैं, आरोपी पांच या दस हजार रुपये का जुर्माना भरकर छूट जाते हैं। यह अदालत के आदेशों की सीधी अवहेलना है।”

कोर्ट ने मंत्री की जिम्मेदारी तय की:

अदालत ने कहा कि जब किसी मंत्री के निजी कर्मचारी का नाम इस तरह की घटना में सामने आता है, तो मंत्री स्वयं इसकी जवाबदेही से नहीं बच सकते। कोर्ट ने पूछा कि सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं।

खंडपीठ ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के जश्न न केवल यातायात बाधित करते हैं, बल्कि यह कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती हैं। अदालत ने चेतावनी दी कि आगे से इस तरह के मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सीधी अवमानना कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी बढ़ी हैं ऐसी घटनाएं:

यह कोई पहला मामला नहीं है जब सार्वजनिक स्थान पर इस तरह का जश्न देखने को मिला हो।बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 12वीं बटालियन के डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी का नीली बत्ती लगी सरकारी गाड़ी के बोनट पर केक काटने का वीडियो वायरल हुआ था। इस पर भी हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था।

बिलासपुर के रतनपुर बाइपास रोड पर युवकों ने सड़क पर तलवार से केक काटकर बर्थडे मनाया था। उस मामले में पुलिस ने 15 युवकों को गिरफ्तार किया था।

इन घटनाओं के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई सिर्फ नाम मात्र की रही है। कोर्ट ने इस प्रवृत्ति को चिंताजनक बताया और कहा कि “ऐसे आयोजनों से यह संदेश जाता है कि कानून आम लोगों के लिए है, लेकिन प्रभावशाली लोगों पर लागू नहीं होता।”

अदालत की सख्त चेतावनी:

अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि अब केवल जुर्माने से काम नहीं चलेगा। अगर आगे इस तरह की घटनाएं सामने आईं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सस्पेंशन से लेकर अवमानना तक की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला सिर्फ सड़क जाम या पटाखों का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है।मुख्य न्यायाधीश ने कहा-“सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के आयोजन जनता के अधिकारों का हनन हैं। सरकार को चाहिए कि सख्त नीति बनाकर ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई करे।

हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार के सामने अब चुनौती है कि,वह कानून का समान रूप से पालन सुनिश्चित करे। मंत्री के पीए के बर्थडे मामले ने न केवल शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। कोर्ट की सख्ती से उम्मीद है कि अब प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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