CG Cyber Crime: फर्जी सिम रैकेट का पर्दाफाश,चार गिरफ्तार,फिंगरप्रिंट स्कैनर जब्त…NV News

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धमतरी/(CG Cyber Crime): जिले में साइबर अपराधों और फर्जी कॉलिंग पर नकेल कसने के लिए धमतरी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर रहे थे। उनके कब्जे से मोबाइल फोन, फिंगरप्रिंट स्कैनर और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं।

जानकारी अनुसार, इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब रविंदर सिंह अजमानी ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी नागेंद्र साहू ने मई-जून 2024 के दौरान उसका आधार कार्ड, फिंगरप्रिंट और लाइव फोटो लेकर उसके नाम पर एयरटेल कंपनी का फर्जी सिम कार्ड (नंबर 7089353106) जारी किया। शिकायत पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और मामला आईटी एक्ट व टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत दर्ज किया।

जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी नागेंद्र साहू (26 वर्ष, निवासी लालबगीचा) को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक POS सिम (नंबर 7415532227), एक मोबाइल फोन और फिंगरप्रिंट मशीन बरामद की गई। पूछताछ में नागेंद्र ने बताया कि वह अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी पहचान पत्रों के जरिए सिम कार्ड जारी करता था और इसके बदले कमीशन लेता था।

आगे की कार्रवाई में पुलिस ने उसके साथ जुड़े अन्य आरोपियों उमेश साहू (24 वर्ष, ग्राम इर्रा) और वासुदेव साहू (28 वर्ष, विद्यावासिनी वार्ड) को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी POS ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे और ग्राहकों के नाम पर फर्जी सिम कार्ड सक्रिय करते थे। वहीं सिहावा थाना क्षेत्र में रहने वाला ओनिल कुमार साहू (21 वर्ष, नवागांव वार्ड) भी बिना वैधानिक सत्यापन के सिम कार्ड जारी कर रहा था। पुलिस ने ओनिल को भी हिरासत में लेकर उपकरण जब्त किए।

बता दें,ये सभी आरोपी बिना सत्यापन के बायोमेट्रिक डाटा का दुरुपयोग कर फर्जी सिम कार्ड जारी कर रहे थे। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल कई बार फर्जी कॉल, ऑनलाइन ठगी और साइबर अपराधों में किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी फर्जी पहचान पत्रों की मदद से असली ग्राहकों के नाम पर सिम कार्ड जारी करते थे, जिससे उनका असली ठिकाना ट्रेस करना मुश्किल हो जाता था।

धमतरी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। साथ ही इस पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस ने जब्त किए गए उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अब तक कितने फर्जी सिम कार्ड जारी किए गए और उनका इस्तेमाल कहां हुआ।

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि कभी भी अपने दस्तावेज या बायोमेट्रिक किसी अनजान व्यक्ति को न दें। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करना या लेना गंभीर अपराध है और इसके लिए आईटी एक्ट और टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत कठोर सजा का प्रावधान है।

साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि किसी को भी फर्जी सिम या साइबर ठगी से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत निकटतम थाना या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें।

इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया है कि,धमतरी पुलिस साइबर अपराधों और फर्जी सिम रैकेट्स पर सख्त रवैया अपनाए हुए है, और आगे भी ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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