Kabirdham Breaking: गन्ना बेचा, पैसा नहीं मिला! किसानों का गुस्सा फूटा,सड़क पर उतरे किसान…NV News

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कबीरधाम (छत्तीसगढ़)। जिले के हजारों गन्ना किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। बीते पेराई सीजन को दस महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें उनके गन्ने का भुगतान नहीं मिला है। पंडरिया स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में किसानों के करीब 10 करोड़ रुपए बकाया हैं। लंबे समय से भुगतान नहीं मिलने के कारण किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और अब आंदोलन के मूड में हैं।

दरअसल, आज सोमवार को किसान कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को लेकर पंडरिया एसडीएम कार्यालय का घेराव किया और 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। इससे पहले पंडरिया के न्यू बस स्टैंड के पास आमसभा आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

सभा को संबोधित करते हुए जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष रवि चंद्रवंशी ने कहा कि गन्ना बेचने के दस माह बीत गए, लेकिन किसानों को एक रुपए तक का भुगतान नहीं हुआ है। किसानों को लगभग 10 करोड़ रुपए मिलना बाकी है। उन्होंने कहा कि किसान रोज़ कारखाना और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा।

चंद्रवंशी ने आरोप लगाया कि कारखाना प्रबंधन किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा, जबकि किसान कर्ज, बिजली बिल और खेती के अन्य खर्चों से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यालयों में भी किसानों के काम लटकाए जा रहे हैं,पेशी पर पेशी दी जा रही है, जिससे किसानों को दिक्कतें बढ़ गई हैं।

सभा को किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि गन्ना किसान अपनी मेहनत की कमाई के लिए महीनों से दर-दर भटक रहे हैं। मिश्रा ने चेतावनी दी कि अगर 10 दिनों के भीतर सभी किसानों का पूरा भुगतान नहीं किया गया, तो किसान कांग्रेस रायपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित की बातें करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। किसानों को उनका हक दिलाने के लिए किसान कांग्रेस हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

स्थानीय किसानों ने बताया कि इस साल की पेराई के दौरान करीब 7,000 किसानों ने कारखाने को गन्ना बेचा था। कारखाना प्रबंधन ने शुरुआती दौर में जल्द भुगतान का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक राशि जारी नहीं की गई। इस कारण किसानों को नई फसल की तैयारी में भी दिक्कत हो रही है।

किसानों ने कहा कि भुगतान में देरी से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है, जिससे बीज, खाद, कीटनाशक और सिंचाई के लिए पैसे नहीं हैं। कई किसानों ने तो अपने कर्ज की किश्तें भी नहीं चुका पाए हैं, जिससे बैंक का दबाव बढ़ रहा है।

किसान नेताओं ने मांग की है कि शासन और जिला प्रशासन जल्द हस्तक्षेप करे, ताकि किसानों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

किसानों के अनुसार, यह केवल गन्ना भुगतान का मामला नहीं है, बल्कि यह किसानों की आर्थिक सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा प्रश्न है। अब सबकी निगाहें प्रशासन और कारखाना प्रबंधन पर हैं कि वे कब तक किसानों की इस समस्या का समाधान निकालते हैं।

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