CG DG Conference:फिजूलखर्ची नहीं, सादगी में होंगी DG कांफ्रेंस, पीएमओ के सख्त निर्देश…NV News

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रायपुर/(CG DG Conference): छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर 28 से 30 नवंबर तक देशभर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के महामंथन की साक्षी बनेगी। यहां आयोजित होने जा रही 60वीं डीजी कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत देशभर के डीजी, एडीजी और आईजी स्तर के लगभग 250 वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह पहली बार है जब यह प्रतिष्ठित सम्मेलन छत्तीसगढ़ में आयोजित हो रहा है।
सरकारी भवनों में ही ठहरेंगे अतिथि, पीएमओ ने दिए मितव्ययिता के निर्देश:
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस सम्मेलन के आयोजन को लेकर मितव्ययिता और सादगी पर जोर दिया है। पीएमओ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की फिजूलखर्ची से बचा जाए और सभी व्यवस्थाएं सरकारी भवनों में ही की जाएं। इसी के चलते जिला और पुलिस प्रशासन ने नवा रायपुर और रायपुर के सरकारी अतिथि गृह, सर्किट हाउस, आफिसर्स मेस, पहुना अतिथि गृह और कन्वेंशन सेंटर को ठहरने के लिए चिन्हित किया है।
पीएम मोदी ठहर सकते हैं नवीन स्पीकर हाउस में:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ठहरने की संभावित व्यवस्था नवा रायपुर स्थित नवीन स्पीकर हाउस में की जा रही है। यह स्थान भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और नए विधानसभा भवन के बेहद करीब है, जिससे आवागमन सुगम रहेगा। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए के सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विशेष सुरक्षा योजना तैयार की जा रही है।
IIM नवा रायपुर बनेगा मंथन का केंद्र:
सम्मेलन का मुख्य आयोजन स्थल IIM नवा रायपुर होगा, जहां तीन दिनों तक देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, सीमा प्रबंधन, साइबर अपराध और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। अधिकारियों के अनुसार, सम्मेलन में नई तकनीक, इंटेलिजेंस शेयरिंग और राज्यों के बीच समन्वय को मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
माओवाद पर विशेष सत्र की तैयारी:
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हाल के महीनों में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा संचालित संयुक्त अभियानों की बड़ी सफलताएं चर्चा का मुख्य बिंदु रहेंगी। माना जा रहा है कि सम्मेलन में माओवाद समस्या पर विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सीधे राज्यों के सुरक्षा अधिकारियों से फीडबैक लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह पहले ही माओवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं, और इस दिशा में नई रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
नई नीतियों और रणनीतियों की उम्मीद:
डीजी कांफ्रेंस से कई नई सुरक्षा नीतियों और योजनाओं के सामने आने की उम्मीद है। देशभर के पुलिस प्रमुख अपने-अपने राज्यों के अनुभव साझा करेंगे, जिससे एकीकृत राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। सम्मेलन में आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ आधुनिक तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार और आतंकवाद विरोधी तंत्र को सशक्त बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का अवसर:
यह पहली बार है जब डीजी कांफ्रेंस छत्तीसगढ़ में आयोजित हो रही है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने इसे लेकर व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोजन स्थल और आवासीय व्यवस्थाओं को गरिमा और सादगी के संतुलन के साथ तैयार किया जा रहा है।
तीन दिनों तक चलने वाली यह कॉन्फ्रेंस न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए दिशा तय करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी गौरव और अवसर लेकर आएगी। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए की मौजूदगी में होने वाला यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए भारत की आंतरिक सुरक्षा रणनीति का रोडमैप तय कर सकता है।