CG Liquor Scam Case: कोर्ट ने EOW को 122 दिन का CCTV फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश…NV News

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रायपुर/(CG Liquor Scam Case): 3,200 करोड़ रुपये के चर्चित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है। रायपुर की विशेष अदालत ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (EOW-ACB) को अपने कार्यालय के 122 दिनों के CCTV फुटेज और आवक-जावक रजिस्टर को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। यह आदेश पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की ओर से दाखिल एक आवेदन पर सुनवाई के बाद जारी किया गया।
कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश:
विशेष न्यायाधीश नीरज शर्मा ने आदेश में कहा कि 5 जून 2025 से 5 अक्टूबर 2025 तक के CCTV फुटेज और EOW कार्यालय के विजिटर्स रजिस्टर को न्यायालय के अवलोकन हेतु सुरक्षित रखा जाए।
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित रिकॉर्ड किसी भी तरह से नष्ट या परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह जांच और सुनवाई के दौरान अहम सबूत साबित हो सकते हैं।
सुनवाई के दौरान राज्य के उप महाधिवक्ता और EOW-ACB के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय तथा एडीपीओ एक्का अदालत में मौजूद रहे। न्यायालय ने उन्हें आदेश की प्रति तुरंत संबंधित प्राधिकरण को भेजने और उसके अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
जेल से दाखिल की गई थी अर्जी:
यह आवेदन रायपुर सेंट्रल जेल में बंद चैतन्य बघेल की ओर से किया गया था। उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि EOW कार्यालय के CCTV फुटेज और विजिटर्स रजिस्टर को सुरक्षित रखा जाए, ताकि जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
कोर्ट ने आवेदन पर गंभीरता से विचार करते हुए इसे स्वीकार किया और संबंधित अवधि के फुटेज को संरक्षित करने का आदेश पारित किया।
दूसरा आवेदन भी कोर्ट में पेश:
चैतन्य बघेल की ओर से जेल से एक दूसरा आवेदन भी दाखिल किया गया था। इसमें उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें अपने एकाउंटेंट, लेखा परीक्षक, प्रबंधकीय कर्मचारियों और व्यवसायिक सहयोगियों से जेल में अलग कक्ष में मुलाकात की अनुमति दी जाए।उन्होंने कहा कि व्यवसाय से जुड़े दस्तावेजों और वित्तीय मामलों पर बातचीत के लिए यह आवश्यक है।
इस आवेदन पर एसीबी की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई। कोर्ट ने चैतन्य बघेल के अधिवक्ता फैजल रिजवी को निर्देश दिया कि वे उन सभी व्यक्तियों के नामों की सूची के साथ एक अलग आवेदन दाखिल करें, जिनसे मुलाकात की अनुमति मांगी जा रही है। न्यायालय ने कहा कि सूची प्राप्त होने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
शराब घोटाला और चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी:
छत्तीसगढ़ का यह शराब घोटाला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक अपराधों में से एक माना जा रहा है। आरोप है कि सरकारी स्तर पर शराब वितरण व्यवस्था में अनियमितताओं के जरिए 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया।
इस मामले में कई बड़े अधिकारी, कारोबारी और राजनेता जांच के घेरे में हैं। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को भी गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
कोर्ट के आदेश से बढ़ी जांच की पारदर्शिता:
अदालत के इस आदेश को मामले की पारदर्शिता के लिहाज से अहम माना जा रहा है। EOW कार्यालय के CCTV फुटेज और रजिस्टर से यह स्पष्ट हो सकेगा कि जांच अवधि में कौन-कौन लोग वहां आए और किन परिस्थितियों में जांच आगे बढ़ी।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन रिकॉर्ड्स में कोई विसंगति मिलती है, तो यह पूरे मामले की दिशा बदल सकती है। वहीं, चैतन्य बघेल की ओर से दायर दूसरी अर्जी पर आने वाले दिनों में कोर्ट का फैसला यह तय करेगा कि उन्हें जेल में व्यवसायिक मुलाकात की कितनी छूट मिलती है।
शराब घोटाले से जुड़ी यह नई कानूनी कार्रवाई न केवल जांच एजेंसी के कामकाज पर नजर डालने का मौका देगी, बल्कि इससे मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अदालत का आदेश आने वाले दिनों में इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई को और भी दिलचस्प बना सकता है।