CBI Report: राजनीतिक नहीं,आपसी विवाद निकला, बिरनपुर हत्याकांड,18 पर चार्जशीट…NV News

Share this

रायपुर/(CBI Report): प्रदेश के बहुचर्चित बिरनपुर हत्याकांड को लेकर सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। जांच एजेंसी ने कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें छह नए नाम भी शामिल हैं। लेकिन खास बात यह रही कि मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता और वर्तमान भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने जिन व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया था, उनका जिक्र चार्जशीट में कहीं नहीं है।

राजनीतिक साजिश की थ्योरी खारिज:

सीबीआई की चार्जशीट से साफ हो गया है कि यह मामला किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा नहीं था। जबकि भाजपा विधायक ईश्वर साहू लगातार आरोप लगाते रहे कि कांग्रेस नेता अंजोर यदु ने इस वारदात में अहम भूमिका निभाई थी। परंतु एजेंसी की जांच रिपोर्ट में अंजोर यदु या अन्य राजनीतिक चेहरों का कोई नाम सामने नहीं आया।

याद दिला दें कि इस घटना को लेकर विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ा राजनीतिक संग्राम छिड़ा था। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर जोरदार हमले किए थे और ईश्वर साहू को ही साजा सीट से उम्मीदवार बनाया था। साहू ने पहली बार राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवीन्द्र चौबे को हराकर विधायक बने।

गृहमंत्री ने कराई थी CBI जांच:

राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद विधानसभा सत्र में गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया था कि जिन आरोपियों पर ठोस सबूत हैं, वे जेल में हैं और शेष पर जांच जारी है। ईश्वर साहू ने जब दोबारा न्याय की मांग उठाई तो गृहमंत्री ने इसे “एक साहसी पिता का दर्द” बताते हुए सदन में सीबीआई जांच की घोषणा की।

27 अप्रैल 2024 को सीबीआई की टीम पहली बार बिरनपुर पहुंची थी। एजेंसी ने स्थानीय पुलिस से अब तक की विवेचना के सभी बिंदु लिए और घटना की जांच नए सिरे से शुरू की थी।

क्या है बिरनपुर कांड?:

8 अप्रैल 2023 को बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में दो गुटों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि हिंसक झड़प में युवक भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई। घटना ने धार्मिक रंग ले लिया और गांव में तनाव फैल गया। कुछ घरों में आगजनी भी हुई। इसके दो दिन बाद यानी 10 अप्रैल को गांव के ही रहीम और उनके बेटे ईदुल मोहम्मद की भी हत्या कर दी गई। हालात बेकाबू होने पर प्रशासन ने गांव में लगभग दो सप्ताह तक कर्फ्यू लगा दिया था।

स्थानीय पुलिस से CBI तक की जांच:

घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर 12 आरोपियों पर केस दर्ज किया था। इनमें नवाब खान, जलिल खान, बसीर खान, मुख़्तार मोहम्मद, सफीक मोहम्मद, अब्दुल खान, अकबर खान, मोहम्मद जनाब, अयूब खान, निज़ामुद्दीन, राशिद खान और कल्लू खान के नाम शामिल थे।

लेकिन जब मामला सीबीआई को सौंपा गया तो एजेंसी ने गहराई से पड़ताल की। इस दौरान और छह नए आरोपी सामने आए – अमीर खान, जमीर खान, सलमान मोहम्मद, अपजल खान, फ़ज़ल खान और अब्बास मोहम्मद।

ईश्वर साहू की नाराज़गी बरकरार:

भुवनेश्वर साहू के पिता और विधायक ईश्वर साहू लगातार कहते रहे कि असल मास्टरमाइंड को बचाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कई बार अंजोर यदु का नाम लिया, लेकिन सीबीआई की चार्जशीट में इन दावों को कोई आधार नहीं मिला। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि साहू इस पर आगे क्या रुख अपनाते हैं।

राजनीति से अपराध तक:

बिरनपुर कांड केवल एक हत्या का मामला नहीं रहा, बल्कि इसने प्रदेश की राजनीति की दिशा भी बदल दी। भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगाई और सहानुभूति की लहर में ईश्वर साहू विधायक बने। वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा की “सांप्रदायिक राजनीति” करार दिया था।

अब जबकि सीबीआई ने साफ किया है कि यह कोई राजनीतिक साजिश नहीं थी और केवल आपसी विवाद से उपजी हिंसा थी, तो राजनीति का यह पन्ना शायद बंद हो, लेकिन पीड़ित परिवार का दर्द और गांव में हुई खाई भरने में अभी लंबा समय लग सकता है।

Share this