World Heart Day 2025: दिल की बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये आदतें…NV News 

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रायपुर/(World Heart Day 2025): दिल सिर्फ खून पंप करने वाला अंग नहीं, बल्कि जीवन की धड़कन है। बदलती जीवनशैली, तनाव, जंक फूड और गलत आदतों ने हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 31% मौतें हृदय रोगों के कारण होती हैं। इसी जागरूकता के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है।

प्रदेश का इकलौता सरकारी हार्ट सेंटर:

पीटी जेएनएम मेडिकल कॉलेज के हार्ट, चेस्ट एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू ने बताया कि उनका विभाग छत्तीसगढ़ का एकमात्र सरकारी हार्ट सेंटर है। यहां अब तक 1700 से अधिक जटिल हृदय सर्जरी सफलतापूर्वक की गई हैं।

 

हाल ही में दो बड़ी उपलब्धियां मिलीं-

1).11 वर्षीय बच्चे का सफल वाल्व प्रत्यारोपण, जो प्रदेश का सबसे कम उम्र का मरीज है।

2).62 वर्षीय महिला के तीनों वाल्व बदलकर कोरोनरी बाईपास सर्जरी, जो अपने आप में बड़ी चुनौती थी।

विभाग ने दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग जैसे एब्सटीन एनोमली के सफल ऑपरेशन भी किए हैं, जिससे कई मरीजों को नया जीवन मिला है।

ये संकेत करते हैं दिल की परेशानी:

डॉ. साहू ने बताया कि दिल की परेशानी अक्सर शरीर में कुछ संकेत देती है। इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

• सीने में दर्द या भारीपन

• सांस लेने में तकलीफ

• अचानक चक्कर या बेहोशी

• पैरों में सूजन

• तेज या अनियमित धड़कन

इन लक्षणों में से कोई भी दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

हर उम्र के लिए अलग परहेज़ और देखभाल:

बचपन में:- गले के संक्रमण का समय पर इलाज कराएं ताकि रूमेटिक हार्ट डिजीज से बचा जा सके। बच्चों को पौष्टिक आहार और कम नमक-मीठी आदत डालें।

युवावस्था में:-नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब से दूरी रखें। तनाव कम करें और जंक फूड छोड़ें।

40 की उम्र के बाद:-ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित जांच कराएं।

रोजाना 45 मिनट की वॉक और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करें।

जिम जाने वालों के लिए चेतावनी:

जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, उन्हें जिम शुरू करने से पहले हृदय की जांच करानी चाहिए।कुछ अनुवांशिक बीमारियों जैसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी या ब्रुगाडा सिंड्रोम में अचानक तेज वर्कआउट से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।वर्कआउट की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ाएं और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

मिथक बनाम सच्चाई:

मिथक: दिल की बीमारी सिर्फ बुजुर्गों को होती है।

तथ्य: आजकल बच्चे और युवा भी हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं।

मिथक: परिवार में बीमारी है तो मुझे भी जरूर होगी।

तथ्य: स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आनुवांशिक जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

दिल के लिए सही खानपान:

• तेल के लिए सरसों, ऑलिव या राइस ब्रान ऑयल का इस्तेमाल करें।

• पाम ऑयल, वनस्पति घी और बार-बार गरम किए गए तेल से बचें।

• ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और दालें भोजन में शामिल करें।

• पैकेज्ड फूड, ज्यादा नमक और मीठी चीज़ें कम खाएं।

CPR और AED की अहमियत:

डॉ. साहू ने कहा कि कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) देने से मरीज की जान बचाई जा सकती है।उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अग्निशामक यंत्र अनिवार्य हैं, वैसे ही-

• रेलवे स्टेशन,

• बस स्टैंड,

• एयरपोर्ट,

• मॉल,

• सिनेमा हॉल

में AED (Automated External Defibrillator) उपलब्ध कराना जरूरी है।साथ ही, हर परिवार के सदस्य को CPR ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

• विश्व हृदय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि दिल की देखभाल विकल्प नहीं, आवश्यकता है।नियमित जांच, संतुलित भोजन, व्यायाम और तनावमुक्त जीवन अपनाकर न केवल हम अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि समय पर उपचार से मृत्यु दर को भी कम कर सकते हैं।आज ही संकल्प लें – अपने दिल का ख्याल रखें और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें।

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