CG Fugitive: चार महीने से फरार हिस्ट्रीशीटर, 5 हजार का इनाम…NV News

Share this
रायपुर(CG Fugitive): रायपुर पुलिस के लिए हिस्ट्रीशीटर सूदखोर तोमर ब्रदर्स को पकड़ना चुनौती बन गया है। वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी सिंह और रोहित तोमर पिछले चार महीने से फरार हैं। पुलिस की लगातार कोशिशों, छापेमारी और तकनीकी निगरानी के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
चार महीने से पुलिस को चकमा:
रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में सूदखोरी और ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के तहत इन दोनों भाइयों पर कार्रवाई शुरू की गई थी। पुलिस ने फरार आरोपियों की सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी। इसके बावजूद, महीनों बीतने के बाद भी पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तोमर ब्रदर्स लगातार अपना ठिकाना बदलते रहे और अपने विश्वसनीय संपर्कों के जरिए पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखते रहे। तकनीकी जांच में यह बात सामने आई कि वे फरारी के दौरान भी अपने नेटवर्क के साथ संपर्क में बने रहे।
44 दिन में 7 केस दर्ज, परिवार के लोग भी सलाखों के पीछे:
तोमर ब्रदर्स पर सिर्फ 44 दिनों में सात केस दर्ज किए गए हैं। इनमें सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। पुलिस ने अब तक रोहित तोमर की पत्नी भावना तोमर, परिवार की एक बहू, भतीजे दिव्यांश, दो वकीलों और दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
खास बात यह है कि भावना तोमर को इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया कि वह फरार अपने पति और देवर के संपर्क में थी। पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले थे, जिनसे यह साफ हुआ कि भावना ने दोनों भाइयों को लगातार सहयोग दिया।
कोर्ट ने घोषित किया फरार, संपत्ति कुर्क:
तोमर ब्रदर्स को कोर्ट ने 14 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया था। उनके घर जाकर पुलिस ने नोटिस भी दिया, लेकिन वे पेश नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 18 जुलाई को अंतिम मौका दिया।
फिर भी जब वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए तो कोर्ट ने दोनों को फरार घोषित कर दिया। प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर उनकी संपत्ति कुर्क कर दी है।
कई थानों में गंभीर आरोप:
तोमर ब्रदर्स के खिलाफ पुरानी बस्ती और तेलीबांधा थानों में सात मामले दर्ज हैं। इनमें जबरन वसूली, धमकी, सूदखोरी और मारपीट जैसे आरोप शामिल हैं। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की है।
एसएसपी (SSP) डॉ. लाल उम्मेद सिंह का कहना है:
“दोनों आरोपियों की तलाश जारी है। तकनीकी टीम लगातार काम कर रही है। जैसे ही कोई इनपुट मिलेगा, तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी।”
पुलिस के लिए चुनौती बनी फरारी:
चार महीने बाद भी इन दोनों हिस्ट्रीशीटर की गिरफ्तारी न होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। सूदखोरी और जबरन वसूली के मामलों में रायपुर पुलिस की यह कार्रवाई शहर के लिए मिसाल बन सकती थी, लेकिन तोमर ब्रदर्स की फरारी ने पूरे मामले को जटिल बना दिया है।
अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी प्राथमिकता इन आरोपियों को पकड़ना है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और शहर में सूदखोरी के नेटवर्क को खत्म किया जा सके।
चार महीने बीत जाने के बाद भी तोमर ब्रदर्स का फरार रहना यह दर्शाता है कि उनका नेटवर्क बेहद मजबूत है। पुलिस की विशेष टीम और तकनीकी जांच पर अब सबकी निगाहें हैं कि आखिर कब इन कुख्यात आरोपियों को पकड़कर शहर को राहत दिलाई जाएगी।