CG Liquor Scam: घोटाले का मास्टरमाइंड पूर्व IAS अधिकारी गिरफ्तार…NV News 

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रायपुर/(CG Liquor Scam): छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन देखने को मिला है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने गुरुवार को पूर्व आबकारी आयुक्त और रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने न केवल इस घोटाले की पूरी योजना तैयार की, बल्कि इसे अमल में लाने के लिए विभागीय तंत्र का दुरुपयोग किया।

दरअसल,सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले 9 मई तक गिरफ्तारी से राहत दी थी, लेकिन जैसे ही यह अवधि खत्म हुई, EOW की टीम ने रायपुर में कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है।

निरंजन दास पर लगे गंभीर आरोप:

EOW की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आबकारी आयुक्त रहे निरंजन दास ने विभाग में सक्रिय शराब माफिया सिंडीकेट को फायदा पहुंचाने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए। आरोप है कि उन्होंने:

• शासकीय शराब दुकानों में अन-अकाउंटेड शराब की सप्लाई और बिक्री करवाई।

• आबकारी विभाग में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में हेरफेर कर घोटाले को बढ़ावा दिया।

• शराब के टेंडर प्रोसेस में गड़बड़ी कर सिंडीकेट को लाभ पहुंचाया।

• दोषपूर्ण शराब नीति लागू करने में अहम भूमिका निभाई।

• और इन सभी कार्यों के बदले करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की।

सूत्रों के मुताबिक, दास की गिरफ्तारी के दौरान EOW टीम सिंडीकेट से जुड़े अन्य आरोपियों, नितेश पुरोहित और यश पुरोहित, को पकड़ने गिरिराज होटल पहुंची थी। लेकिन कार्रवाई की भनक लगते ही दोनों वहां से फरार हो गए।

3,200 करोड़ का शराब घोटाला:

इस घोटाले में राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ। आरोप है कि शराब दुकानों में किताबों में दर्ज न की गई शराब बेची जाती थी, जिससे सरकारी खजाने में पैसा नहीं पहुंचता था। बदले में सिंडीकेट और अधिकारियों के बीच पैसों का लेनदेन होता था। यह पूरा खेल सालों तक चलता रहा, जिससे घोटाले की रकम हजारों करोड़ तक पहुंच गई।

EOW के अधिकारियों का कहना है कि इस सिंडीकेट की जड़ें जिला और राज्य स्तर तक फैली हुई थीं, और इसका मास्टरमाइंड निरंजन दास को माना जा रहा है।

कस्टम मिलिंग घोटाले में ईडी का एक्शन:

इसी बीच, प्रदेश में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। 140 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने गुरुवार सुबह भिलाई समेत 10 ठिकानों पर छापेमारी की।

भिलाई के तालपुरी इलाके में ED की चार सदस्यीय टीम ने रिटायर्ड IAS डॉ. आलोक शुक्ला और सुधाकर राव के घर पर दबिश दी। टीम ने घर को चारों ओर से घेरकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और लेनदेन से जुड़े कागजात जब्त किए।

छापेमारी के समय आलोक शुक्ला घर पर मौजूद नहीं थे। बताया गया कि वे मध्य प्रदेश गए हुए थे। ED ने उनके घर पर नोटिस चस्पा कर उन्हें तलब किया है। खबर है कि शुक्ला ED की विशेष अदालत में सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश न होने के कारण उन्हें वापस भेज दिया गया।

राजनीतिक हलचल तेज:

निरंजन दास की गिरफ्तारी और ED की कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। वही विपक्ष का आरोप है कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार की मिलीभगत से हुआ और इसकी पूरी जिम्मेदारी पूर्व सरकार पर है।वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

आगे की कार्रवाई:

EOW अब निरंजन दास से पूछताछ कर घोटाले में शामिल अन्य बड़े नामों का खुलासा करने की कोशिश करेगी। साथ ही, सिंडीकेट से जुड़े फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।ED भी कस्टम मिलिंग घोटाले में जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से साफ है कि भ्रष्टाचार के बड़े मामले धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। निरंजन दास की गिरफ्तारी ने इस शराब घोटाले की जांच को एक नया मोड़ दे दिया है, और आने वाले दिनों में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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