CG Liquor Scam: BIG BOSS’ ग्रुप से हुआ खुलासा,भ्रष्टाचार में डूबा पूरा सिस्टम…NV News

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रायपुर/(CG Liquor Scam):छत्तीसगढ़ में हुए शराब, कोयला और ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसे बड़े घोटालों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में ताजा चार्जशीट दाखिल कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ‘BIG BOSS’ नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय था, जिसके जरिए न सिर्फ अवैध कारोबार चलता था बल्कि ईमानदार अधिकारियों को फंसाने और दबाव में लाने की साजिश भी रची जाती थी।

ईडी के अनुसार, इस ग्रुप में बड़े नेताओं, अफसरों और कारोबारियों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, होटल कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, और भूपेश बघेल की डिप्टी उप सचिव सौम्या चौरसिया जैसे नाम जुड़े थे।

अफसरों को फंसाने की साजिश:

चार्जशीट में दावा है कि इस गिरोह ने फिल्मी स्क्रिप्ट और मनगढ़ंत कहानियों के जरिए अधिकारियों की छवि खराब की। खासकर एक विवादित आईपीएस (IPS) अधिकारी की ‘काल्पनिक डायरी’ को हथियार बनाकर ईमानदार अफसरों के खिलाफ झूठी कहानियां फैलाई गईं।इसका मकसद उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना और अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाना था।

ईडी का कहना है कि इस गिरोह ने पूरे सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल दिया, जिससे राज्य की छवि राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई और आम जनता का सरकार से भरोसा डगमगा गया।

‘BIG BOSS’ ग्रुप में ऐसे होती थी प्लानिंग:

ईडी की जांच में सामने आया कि शराब घोटाले की पूरी योजना इस व्हाट्सएप ग्रुप पर बनाई जाती थी।इसमें पैसों के लेन-देन, नकली होलोग्राम बनाने, और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जानकारी साझा होती थी।

ईडी के पास चैट्स, कॉल डिटेल्स और दस्तावेज हैं जो इस ग्रुप की गतिविधियों को साबित करते हैं।गिरफ्तार अनवर ढेबर के मोबाइल की जांच में पता चला कि चैतन्य बघेल का नंबर ‘बिट्टू’ नाम से सेव था। इन चैट्स में पैसों की डीलिंग और घोटाले से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं।

1000 करोड़ कैश की हेराफेरी:

भिलाई के शराब कारोबारी पप्पू बंसल ने ईडी की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि चैतन्य बघेल के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपये से अधिक कैश मैनेज किया गया।यह रकम अनवर ढेबर से दीपेन चावड़ा होते हुए कांग्रेस नेताओं रामगोपाल अग्रवाल और केके श्रीवास्तव तक पहुंचाई गई।बंसल ने यह भी स्वीकार किया कि उसे केवल तीन महीने में 136 करोड़ रुपये मिले थे।

सिंडिकेट में शामिल बड़े नाम:

ईडी की चार्जशीट में इस नेटवर्क में शामिल कई बड़े नामों का खुलासा हुआ है:-

• रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा

• पूर्व मंत्री कावासी लखमा

• कारोबारी और डिस्टिलरी मालिक

• होटल कारोबारी अनवर ढेबर

• सौम्या चौरसिया, डिप्टी उप सचिव (भूपेश बघेल सरकार में)

ईडी का कहना है कि यह गठजोड़ न केवल करोड़ों की वसूली करता था बल्कि अवैध कारोबार को संगठित तरीके से चलाता था।

राजनीतिक विवाद तेज:

कांग्रेस ने इस चार्जशीट को केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी राज्यों को बदनाम करने की साजिश बताया है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा,

“केंद्र सरकार लगातार ईडी का इस्तेमाल करके कांग्रेस शासित राज्यों को बदनाम कर रही है। यह चार्जशीट भी उसी साजिश का हिस्सा है।”वहीं, भाजपा का कहना है कि यह घोटाला छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है और इसमें शामिल सभी लोगों को जेल जाना होगा।

आगे की कार्रवाई:

ईडी ने कहा कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।सभी चैट्स, कॉल रिकॉर्ड और पैसों के लेन-देन के सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे।यदि आरोप साबित होते हैं, तो दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।

छत्तीसगढ़ में यह मामला न सिर्फ राजनीतिक हलचल पैदा कर रहा है बल्कि राज्य की छवि और शासन व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।‘BIG BOSS’ ग्रुप की चैट्स और पैसों की हेराफेरी से जुड़े खुलासे यह साबित करते हैं कि यह महज एक घोटाला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को प्रभावित करने वाली सुनियोजित साजिश थी।

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