CG Anatomy department :फिजूलखर्जी पर लगाम,वर्चुअल बॉडी खरीद पर ब्रेक…NV News

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छत्तीसगढ़ (CG Anatomy department): रायपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी विभाग के लिए प्रस्तावित 2 करोड़ रुपये की वर्चुअल बॉडी खरीद को रद्द कर दिया गया है। कॉलेज की समिति ने स्पष्ट किया कि विभाग में पहले से ही 35 से 40 डेडबॉडी उपलब्ध हैं, ऐसे में वर्चुअल बॉडी की कोई जरूरत नहीं है। समिति का यह निर्णय मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर कार्यालय को भेज दिया गया है।
29 अगस्त को एक एजेंसी ने कॉलेज में वर्चुअल बॉडी का डेमो दिया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने विभाग पर खरीदारी के लिए सहमति देने का दबाव बनाया। दबाव में आकर एनाटॉमी विभाग ने मंजूरी तो दे दी थी, लेकिन 31 अगस्त को पत्रिका में प्रकाशित खबर “एनाटॉमी का प्रस्ताव नहीं, फिर भी थोप रहे वर्चुअल बॉडी” के बाद कॉलेज में चर्चा शुरू हुई। इसके बाद समिति ने इसे अनावश्यक मानते हुए स्पष्ट रूप से खरीदारी से इनकार कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्चुअल बॉडी केवल उन संस्थानों के लिए उपयोगी है जहां डेडबॉडी की कमी होती है। वास्तविक कैडेवर (डेडबॉडी) छात्रों को मानव अंगों की बारीक संरचना समझने में मदद करते हैं, जबकि वर्चुअल बॉडी केवल थ्रीडी इमेज प्रदान करती है। एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के नियमों के अनुसार एनाटॉमी की पढ़ाई के लिए डेडबॉडी अनिवार्य है।
जानकारों का मानना है कि वर्चुअल बॉडी की खरीद के पीछे कमीशनखोरी की संभावना है, क्योंकि इसकी वास्तविक कीमत तय की गई कीमत से कहीं कम है। राजधानी स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज ने भी पहले ही इसे अनुपयोगी बताकर खरीदने से इनकार कर दिया था।
सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहले से पर्याप्त डेडबॉडी मौजूद होने के बावजूद वर्चुअल बॉडी पर 2 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना को अब पूरी तरह रोक दिया गया है। समिति का कहना है कि यह छात्रों के लिए कोई विशेष लाभकारी नहीं होती और केवल सरकारी धन की बर्बादी होती। इस फैसले से कॉलेज में राहत की भावना है, क्योंकि अब यह राशि अन्य जरूरी संसाधनों पर खर्च की जा सकेगी।