“CG Government Schemes”:माओवादी क्षेत्रों में 99% आधार पंजीकरण, बैंकिंग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा…NV News

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रायपुर/(CG Government Schemes): छत्तीसगढ़ के माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बस्तर और अन्य प्रभावित जिलों में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सामने आया कि माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 99% से अधिक लोगों का आधार पंजीकरण पूरा हो चुका है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र हितग्राहियों तक पहुंच रहा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत 28 लाख 18 हजार 616 किसानों को पंजीकृत कर लाभ पहुंचाया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 26 लाख 21 हजार 491 लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं।
आयुष्मान भारत से 35 लाख लोगों का इलाज:
समीक्षा बैठक में यह भी बताया गया कि आयुष्मान भारत योजना से 35 लाख 66 हजार 409 लोग लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त उपचार की सुविधा दी जा रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के लिए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। साथ ही, बैंकिंग सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए बैंकों और डाकघरों की नई शाखाएं खोली जा रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत पात्र हितग्राहियों को नियमित रूप से खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित किया जाए।
मनरेगा और आवास योजना पर जोर:
सिंह ने मनरेगा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र के सभी पात्र हितग्राहियों को जॉब कार्ड उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगार दिया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत स्वीकृत सभी आवासों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। विशेष रूप से आत्मसमर्पित माओवादियों के लिए आवास निर्माण को प्राथमिकता दी जाए, जिससे वे मुख्यधारा में वापस लौट सकें।
महतारी वंदन योजना का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे:
प्रमुख सचिव ने महतारी वंदन योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि शेष वंचित महिलाओं का तुरंत सर्वे कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाए। साथ ही, आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार विशेष ट्रेडों में प्रशिक्षित होकर रोजगार कमा सकें।
स्कूल भवन निर्माण पर विशेष ध्यान:
बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी चर्चा हुई। सिंह ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की भवनविहीन शालाओं का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दोनों स्तर के विद्यालय एक ही परिसर में स्थापित किए जाएं, जिससे बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिल सके।
बस्तर सहित 10 जिलों की प्रगति पर चर्चा:
समीक्षा बैठक में बस्तर संभाग के जिलों – सुकमा, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, इसके अलावा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद जिलों के विकास कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।
इन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, उज्ज्वला योजना, राशन कार्ड वितरण, आधार कार्ड पंजीकरण, और अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति पर भी विस्तार से विचार किया गया।
सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे लोग:
बैठक में सामने आया कि योजनाओं के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आधार पंजीकरण लगभग 100% होने के कारण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से योजनाओं का लाभ सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंच रहा है।जनधन योजना के तहत खुले खातों से अब लोग बैंकिंग सेवाओं से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद:
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, वित्त सचिव मुकेश बंसल, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, श्रम सचिव हिमशिखर गुप्ता, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव डॉ. रवि मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
प्रमुख सचिव सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए विकास कार्यों को और तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न रहे।
इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए तेजी से कार्य कर रही है।
ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हो रही है, जिससे इन क्षेत्रों का विकास एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है।