CG Political: मंच पर माइक छीने जाने से गरमाई सियासत ,भाजपा ने साधा निशाना…NV News

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रायपुर/(CG Political):छत्तीसगढ़ की सियासत में मंगलवार को एक वीडियो ने हलचल मचा दी। बिलासपुर में कांग्रेस के ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान के दौरान मंच पर उस समय हंगामा हो गया जब पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता अमरजीत भगत का भाषण बीच में ही रोक दिया गया। मंच पर मौजूद प्रदेश सहप्रभारी विजय जांगिड़ ने उनके हाथ से माइक छीन लिया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
इस घटना ने न केवल कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी को उजागर कर दिया, बल्कि विपक्ष को भी हमला करने का मौका दे दिया। भाजपा ने इसे सीधे तौर पर आदिवासी समाज के अपमान से जोड़ा और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
भाजपा का हमला,“आदिवासी नेताओं की कोई कद्र नहीं”:
वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ अमरजीत भगत का नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज का अपमान है।
“कांग्रेस में अब मुद्दों की राजनीति नहीं बची है। वहां सिर्फ नेताओं की चापलूसी हो रही है। मंच पर सचिन पायलट, भूपेश बघेल और चरणदास महंत जैसे बड़े नेता मौजूद थे, फिर भी किसी ने इस कृत्य को रोका नहीं। यह साफ संकेत है कि कांग्रेस में आदिवासी नेताओं की कोई अहमियत नहीं बची।”
देवलाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट की चापलूसी करने के लिए कांग्रेस नेताओं ने यह सब किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हर चुनाव में आदिवासियों का सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल करती है, लेकिन सम्मान देने की बात आती है तो दोहरे मापदंड अपनाती है।
भाजपा प्रवक्ता ने इस मामले में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर विजय जांगिड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सच में आदिवासी समाज का सम्मान करती है, तो दोषी व्यक्ति को तुरंत पद से हटाना चाहिए।
अमरजीत भगत का साधे हुए अंदाज में जवाब:
विवाद के बीच पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने इसे जानबूझकर की गई हरकत मानने से इंकार किया।
“कभी-कभी कार्यक्रमों में जल्दबाजी के कारण ऐसी छोटी घटनाएं हो जाती हैं। इसे तूल देने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में जो भी मेहमान आते हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। भाजपा को अगर लगता है कि मेरा अपमान हुआ है, तो वे कार्यक्रम आयोजित कर मुझे सम्मानित कर सकते हैं।”भगत का यह बयान भाजपा के तीखे हमले के बिल्कुल उलट था, जिससे साफ है कि वे पार्टी के भीतर तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते।
कैसे हुआ पूरा वाक्य:
वायरल वीडियो के मुताबिक, अमरजीत भगत मंच से भाषण दे रहे थे। तभी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट कार्यक्रम में पहुंचे।मंच संचालन कर रहे महामंत्री सुबोध हरितवाल ने भगत को संकेत दिया कि भाषण खत्म करें, लेकिन वे बोलते रहे। इस बीच माहौल में हल्की अफरातफरी हुई और अचानक विजय जांगिड़ ने आगे बढ़कर भगत के हाथ से माइक खींच लिया।इस घटना के बाद मंच पर कुछ पल के लिए असहज स्थिति बन गई। हालांकि, सचिन पायलट और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने माहौल को संभालने की कोशिश की।
कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद उजागर:
इस घटना ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बढ़ते अंदरूनी मतभेद को उजागर कर दिया है। हाल के दिनों में कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में संगठन और नेताओं के बीच तालमेल की कमी देखने को मिली है।
‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान का उद्देश्य भाजपा सरकार पर हमला करना था, लेकिन मंच पर हुई यह घटना खुद कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमरजीत भगत जैसे बड़े आदिवासी नेता से इस तरह माइक छीनना न केवल पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा सकता है, बल्कि आदिवासी वोट बैंक पर भी असर डाल सकता है।
भाजपा को मिला मुद्दा:
भाजपा इस घटना को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी इसे आदिवासी सम्मान के मुद्दे से जोड़कर जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रही है।
देवलाल ठाकुर ने कहा,“भाजपा हमेशा आदिवासी समाज के हितों की लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस ने अपने असली चेहरे को उजागर कर दिया है। जनता आने वाले समय में इसका करारा जवाब देगी।”
अभियान से ज्यादा चर्चा घटना की:
कांग्रेस का यह अभियान भाजपा पर दबाव बनाने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन मंच पर हुए विवाद ने अभियान की चमक फीकी कर दी।सोशल मीडिया पर अभियान की जगह माइक छीने जाने का वीडियो ही चर्चा में है। विपक्ष ने इसे हाथों-हाथ लपक लिया है, जबकि कांग्रेस अभी भी नुकसान को कम करने की रणनीति बना रही है।
बिलासपुर की इस घटना ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। जहां भाजपा इसे आदिवासी अस्मिता का मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। आने वाले दिनों में यह विवाद राज्य की राजनीति में और बड़ा मुद्दा बन सकता है।