CG Politics: भाजपा- कांग्रेस में आरोप- प्रत्यारोप, वोट चोरी का मुद्दा चरम पर…NV News

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रायपुर/(CG Politics): छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों वोट चोरी विवाद ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं और दोनों ही दल एक-दूसरे पर लोकतंत्र को कमजोर करने के आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस जहां भाजपा पर चुनावी व्यवस्था में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ आंदोलन चला रही है, वहीं भाजपा ने पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार पर अवैध तरीके से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का गंभीर आरोप लगाया है।
मंगलवार को नवा रायपुर सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार में मंत्री रहे मोहम्मद अकबर के इशारे पर कवर्धा और रायपुर विधानसभा क्षेत्रों में कई पोलिंग बूथ पर फर्जी तरीके से नाम दर्ज कराए गए। उन्होंने दावा किया कि दो-दो अलग-अलग एपिक नंबर के साथ लोगों को मतदाता सूची में जोड़ा गया। शर्मा ने यह भी कहा कि इन मामलों की शिकायत चुनाव आयोग में की जा चुकी है और अब संबंधित लोगों पर अपराध दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।
शर्मा ने आरोप लगाया कि राजधानी रायपुर के एक ही मकान में 350 नाम फर्जी तरीके से शामिल किए गए। उन्होंने सबूत के तौर पर सूची भी मीडिया को दिखाई। शर्मा ने कहा कि यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी चोरी है और कांग्रेस अब “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” वाली कहावत को सच साबित कर रही है।
75 वर्षीय बुजुर्ग का नाम दो जगह दर्ज:
विजय शर्मा ने उदाहरण देते हुए बताया कि 75 वर्षीय रियाज हुसैन का नाम पहले रायपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में था। उन्होंने फॉर्म-6 भरकर कवर्धा में नाम जुड़वाया और चुनाव परिणाम आने के बाद फॉर्म-8 से नाम हटवाकर फिर से रायपुर में जुड़वा लिया। इसी तरह रमीज कुट्टी ने भी फर्जी पते के आधार पर कवर्धा में नाम दर्ज कराया, जबकि उसका पासपोर्ट पता रायपुर का है।
अकबर ने खारिज किए आरोप:
पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने उपमुख्यमंत्री के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़वाया। यह भाजपा की साजिश है, जिससे जनता को गुमराह किया जा सके।”
बिलासपुर से पायलट का भाजपा पर हमला:
इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने बिलासपुर के मुंगेली नाका स्थित ग्रीन गार्डन से ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ आंदोलन की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोला।
पायलट ने कहा कि वोट चुराना लोकतंत्र का सबसे बड़ा अपराध है। भाजपा ने सत्ता में बने रहने के लिए चुनावी व्यवस्था को कमजोर कर दिया है। जब चुनाव आयोग से सवाल किया जाता है तो भाजपा प्रवक्ता जवाब देते हैं, जो साबित करता है कि आयोग और केंद्र सरकार के बीच गहरी साठगांठ है।
उन्होंने कहा, “जब दाल में कुछ काला होता है तो शक होता है, लेकिन यहां तो पूरी दाल ही काली है।” पायलट ने कहा कि आजादी के बाद लोगों को वोट का अधिकार मिला, लेकिन भाजपा इस व्यवस्था को नष्ट करने पर तुली है।
केंद्र सरकार और आयोग की मिलीभगत का आरोप:
सचिन पायलट ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग के शीर्ष पद पर अपनी पसंद का व्यक्ति बैठाने के लिए केंद्र ने नियमों में बदलाव कर दिया। पहले यह जिम्मेदारी चीफ जस्टिस के पास थी, लेकिन अब गृहमंत्री के हाथों में है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग की सीसीटीवी फुटेज तक 45 दिनों में डिलीट कर दी जाती है, जिससे चुनावी धांधली के सबूत मिटा दिए जाते हैं।
पायलट ने घोषणा की कि कांग्रेस हर जिले में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और जनता को जागरूक करेगी ताकि आने वाले चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकें।
सभा में बड़े नेता रहे मौजूद:
इस कार्यक्रम में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। सभा में हजारों कार्यकर्ता जुटे और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
आगे की रणनीति:
राज्य की राजनीति में यह विवाद और गहराने की संभावना है। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मुद्दे को लेकर अदालत जाएगी। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि वह जन आंदोलन के जरिए भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगी।
वोट चोरी के आरोपों पर छत्तीसगढ़ की सियासत गरम है।और यह मुद्दा आने वाले चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है। भाजपा जहां कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे लोकतंत्र की सुरक्षा का सवाल बता रही है। जनता किसे सच मानती है, यह आने वाले समय में साफ होगा।