“CG Subsidy Scheme”: कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी, किसान तेल पाम खेती की ओर बढ़ाए कदम…NV News 

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धमतरी/(CG Subsidy Scheme): जिले के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए धमतरी जिला प्रशासन लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में आज गुरुवार को जिले के 30 चयनित किसानों का एक दल तेल पाम (आयल पॉम) की आधुनिक खेती की तकनीक सीखने के लिए अध्ययन भ्रमण पर रवाना हुआ। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने धमतरी कलेक्टर कार्यालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर इस अध्ययन दल को विदा किया।

8 गांवों के 30 किसान शामिल:

यह दल जिले के आठ गांवों के 30 किसानों, तीन ग्राम कृषि विस्तार अधिकारियों और दो ग्राम उद्यान विस्तार अधिकारियों से मिलकर बना है। यह दल महासमुंद जिले के ग्राम भलेसर स्थित कृषि प्रक्षेत्रों का दौरा करेगा, जहां उन्हें तेल पाम की खेती, उसकी देखभाल और आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।

कलेक्टर मिश्रा ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में तेल पाम की खेती को बढ़ावा देने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह फसल लंबे समय तक निरंतर उत्पादन देती है और परंपरागत फसलों की तुलना में कहीं अधिक लाभदायक है।

जिले में तेल पाम खेती को बढ़ावा:

धमतरी जिले में तेल पाम की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अम्मा ऑयल पाम प्लांटेशन लिमिटेड, हैदराबाद को अधिकृत संस्था के रूप में चुना गया है। यह संस्था किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ-साथ उत्पाद की खरीदी भी सुनिश्चित करेगी।अब तक जिले में 11.90 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण हेतु 1703 पौधों का भंडारण किया जा चुका है। इसका उद्देश्य किसानों को पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना और रोपण प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है।

योजना से मिलेगा आर्थिक सहयोग:

उप संचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स एंड ऑयल पाम’ के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में जिले को 300 हेक्टेयर क्षेत्र में तेल पाम की खेती का लक्ष्य दिया गया है।

इस योजना के तहत किसानों को कई प्रकार की सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें शामिल हैं –

• पौध रोपण और रखरखाव पर अनुदान।

• अंतरवर्ती फसल पर सहयोग।

• फेंसिंग और ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर सहायता।

• दो हेक्टेयर फसल प्रदर्शन हेतु नलकूप खनन और पंप प्रतिस्थापन पर अतिरिक्त सहायता।

एक किसान को अधिकतम ₹2,51,250 तक की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह सहायता किसानों को आधुनिक तकनीकों को अपनाने और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी।

कम लागत में ज्यादा मुनाफा:

कलेक्टर मिश्रा ने किसानों को समझाते हुए कहा कि तेल पाम पौधारोपण के 3-4 साल बाद उत्पादन देना शुरू करता है और लगभग 30 वर्षों तक लगातार उत्पादन देता है।प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 20-25 टन प्रतिवर्ष होता है। वर्तमान बाजार दर ₹1700 प्रति क्विंटल होने के कारण यह फसल किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है।

उन्होंने बताया कि यह फसल पथरीली या कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से उगाई जा सकती है, साथ ही यह जंगली और पालतु पशुओं से भी सुरक्षित रहती है। पारंपरिक फसलों की तुलना में इसमें सिंचाई और रखरखाव की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।

कलेक्टर ने कहा:

कलेक्टर मिश्रा ने किसानों से कहा कि वे कम लाभ देने वाली पारंपरिक फसलों की बजाय तेल पाम जैसी उच्च राजस्व वाली फसलों को अपनाएँ। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन किसानों को हर स्तर पर सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि जिले में तेल पाम की खेती न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि जिले के कृषि क्षेत्र को नई दिशा भी देगी।

अध्ययन भ्रमण का उद्देश्य:

इस अध्ययन भ्रमण का मुख्य उद्देश्य किसानों को तेल पाम की खेती की तकनीक, पौध प्रबंधन, सिंचाई पद्धति और विपणन व्यवस्था की प्रत्यक्ष जानकारी देना है।यात्रा के दौरान किसान उन्नत तकनीकों का अवलोकन करेंगे, जिससे वे अपने गांव लौटकर इन्हें अपने खेतों में लागू कर सकेंगे।कलेक्टर ने उम्मीद जताई कि अध्ययन भ्रमण से लौटने के बाद किसान अपने अनुभवों को अन्य किसानों के साथ साझा करेंगे और जिले में तेल पाम की खेती का दायरा तेजी से बढ़ेगा।

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