“CG High court”: छात्राओं से बैड टच करने वाले शिक्षक को नहीं मिली राहत, पाक्सो कोर्ट का फैसला कायम…NV News

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने छात्राओं से छेड़छाड़ और बैड टच करने वाले शिक्षक की अपील खारिज कर दी है। फास्ट-ट्रैक पाक्सो कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को हाई कोर्ट ने सही ठहराया। न्यायालय ने कहा कि शिक्षक का पद केवल नौकरी नहीं, बल्कि विश्वास और जिम्मेदारी का प्रतीक होता है। ऐसे में जब शिक्षक ही अपनी सीमा लांघे, तो यह अपराध और भी गंभीर हो जाता है।
दरअसल,यह पूरा मामला मुंगेली जिले के बरेला सरकारी स्कूल का है। यहां गणित और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त शिक्षक कीर्ति कुमार शर्मा साल 2019 में सातवीं कक्षा में बिना अनुमति विज्ञान पढ़ाने चले गए। इसी दौरान उन्होंने कक्षा की कई छात्राओं के साथ अनुचित हरकतें कीं।
छात्राओं ने साहस दिखाते हुए इसकी शिकायत की। जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ (BEO) प्रतिभा मंडलोई को जिम्मेदारी सौंपी। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि शर्मा कक्षा के दौरान छात्राओं की रीढ़, छाती और अन्य निजी हिस्सों को छूते थे। इतना ही नहीं, स्कूल परिसर में गुटखा और गुड़ाखू का सेवन भी करते थे।
कोर्ट की सख्ती:
आरोप साबित होने के बाद पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की और गिरफ्तार कर लिया। फास्ट-ट्रैक पाक्सो कोर्ट में सुनवाई के बाद 2 मार्च 2022 को उन्हें 2 साल 2 महीने 6 दिन की सजा और जुर्माना सुनाया गया।
शर्मा ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने दावा किया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है और छात्राओं की गवाही पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट ने छात्राओं के बयान को विश्वसनीय माना और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
हाई कोर्ट ने कहा:
फैसले में हाई कोर्ट ने कहा,“शिक्षक का पद केवल पढ़ाने का कार्य नहीं है, यह एक भरोसा है। छात्र-छात्राएं अपने शिक्षक को आदर्श मानते हैं। ऐसे में जब शिक्षक ही मर्यादा तोड़े, तो यह केवल अनुशासनहीनता नहीं बल्कि पाक्सो कानून के तहत गंभीर अपराध है।”
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्राओं की गवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह सीधे अनुभव पर आधारित है और इसमें किसी साजिश की संभावना नहीं दिखती।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शिक्षक का पद जिम्मेदारी और विश्वास का है, और यदि कोई इस जिम्मेदारी का दुरुपयोग करता है, तो उसे कड़ी सजा भुगतनी होगी।