विकास के नाम पर जमीनों पर रोक,प्रोजेक्ट पर थमी रजिस्ट्री, पढ़ें पूरी खबर…NV News 

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रायपुर। राजधानी और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में पिछले दो महीनों से किसानों की सबसे बड़ी चिंता जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक है। प्रशासन ने 120 गांवों में बंटवारे, नामांतरण और रजिस्ट्री की प्रक्रिया रोक दी है। वजह, प्रदेश में शुरू होने वाले पांच बड़े विकास प्रोजेक्ट। इन योजनाओं का सीधा असर लगभग तीन हजार किसानों पर पड़ा है। खेती-किसानी से जुड़ी जरूरतों और परिवारिक कारणों से जमीन बेचने-खरीदने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

रोक की वजह क्या है?:

अपर कलेक्टर कीर्तिमान सिंह राठौर के अनुसार, शासन ने निर्देश दिया है कि जैसे ही किसी विभाग को भूमि अधिग्रहण का आशय पत्र (intent letter) मिलता है, उस क्षेत्र की जमीनों की खरीद-बिक्री स्वतः रोक दी जाती है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि भविष्य में मुआवजा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो।

दरअसल, भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजा घोटाले के बाद सरकार बेहद सतर्क है। इसलिए अब किसी भी अधिग्रहण से पहले जमीन के सभी लेन-देन पर रोक लगा दी जाती है।

कौन-कौन से प्रोजेक्ट अटके?:

1.खरसिया-नवा रायपुर परमलकसा रेल लाइन: यह रेल लाइन तिल्दा, आरंग, अभनपुर और खरोरा ब्लॉक के 35 गांवों से होकर गुजरेगी। रेलवे ने प्रोजेक्ट का फाइनल ट्रेस मैप तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दिया है। रेलवे का कहना है कि सिर्फ ट्रैक के दोनों ओर 10-10 मीटर जमीन सुरक्षित रखी जाएगी। बाकी जमीनों से खरीदी-बिक्री पर रोक जल्द हटेगी।

2.रायपुर-बलौदाबाजार मार्ग का चौड़ीकरण: राजधानी से बलौदाबाजार तक 53.1 किलोमीटर की फोरलेन सड़क बनाने की तैयारी है। पहले चरण में 36 गांव प्रभावित होंगे। सड़क किनारे 100-100 मीटर का क्षेत्र अधिग्रहित किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी (PWD) ने प्लान शासन को भेज दिया है, अंतिम स्वीकृति का इंतजार है।

3.विशाखापट्टनम-रायपुर एचपीसीएल पाइपलाइन: हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) विशाखापट्टनम से रायपुर तक पाइपलाइन बिछा रही है। इसके लिए आरंग तहसील के 15 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। नोटिस में साफ कहा गया है कि जमीन का स्वामित्व किसानों का ही रहेगा, लेकिन वे उस जमीन पर कोई नया निर्माण नहीं कर सकेंगे।

4.नवा रायपुर “नया विहार” योजना: नवा रायपुर क्षेत्र के बरौदा, रीको, मंदिरहसौद, नकटी सहित छह गांवों में 436 हेक्टेयर जमीन पर आधुनिक टाउनशिप “नया विहार” विकसित की जाएगी। किसानों को अधिग्रहित जमीन के बदले विकसित प्लॉट दिए जाएंगे। इस योजना में चौड़ी सड़कें, अंडरग्राउंड बिजली, गैस सप्लाई, वाई-फाई और सीवरेज जैसी सुविधाएं होंगी।

5.नवा रायपुर में 12.5 किमी नई सड़क: पलौद, कोटनी, तांदुल, पीता, बंजारी और कुरूं गांवों से होकर नई सड़क बनाई जाएगी। प्रशासन ने यहां जमीन अधिग्रहण से पहले रजिस्ट्री रोक दी है। कलेक्टर गौरव कुमार सिंह का कहना है कि मुआवजा देते समय हर दस्तावेज की गहन जांच होगी ताकि फर्जीवाड़ा न हो।

किसानों की मुश्किलें:

रायपुर और आसपास के इन गांवों के हजारों किसानों का कहना है कि रोक लगने से उनका दैनिक जीवन और लेन-देन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जहा कई किसान अपनी जमीन बेचकर बच्चों की पढ़ाई, शादी या इलाज का खर्च निकालना चाहते थे, लेकिन अब वे मजबूर हैं।वहीं, जो किसान खेती के लिए नई जमीन लेना चाहते थे, वे भी रुके हुए हैं।

कुछ जगहों पर किसान अपने खेतों की सीमांकन प्रक्रिया अधूरी छोड़ चुके हैं क्योंकि राजस्व विभाग रोक हटा नहीं रहा।किसानों का आरोप है कि प्रोजेक्ट का काम शुरू भी नहीं हुआ, लेकिन रोक ने उनकी कमर तोड़ दी है।

प्रशासन की दलील:

जिला प्रशासन का कहना है कि यह रोक अस्थायी है और प्रोजेक्ट की प्रक्रिया पूरी होते ही इसे हटा लिया जाएगा। मुआवजे के समय पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी और किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा।

कलेक्टर का कहना है कि भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाले जैसी स्थिति दोबारा न हो, इसलिए सख्ती जरूरी है। मुआवजे में हर दस्तावेज की जांच होगी और गड़बड़ी पाए जाने पर भुगतान रोक दिया जाएगा।

आगे क्या? :

राज्य सरकार ने साफ किया है कि सभी प्रोजेक्ट्स प्राथमिकता में हैं और जल्द ही अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद ही किसानों को मुआवजा या विकसित प्लॉट मिलेंगे। लेकिन तब तक प्रभावित किसानों को इंतजार करना होगा।

छत्तीसगढ़ के 120 गांवों में विकास योजनाओं की आहट ने किसानों की उम्मीदों और परेशानियों दोनों को बढ़ा दिया है। जहां एक ओर नई सड़कें, रेल लाइन, टाउनशिप और पाइपलाइन प्रदेश के विकास की तस्वीर बदलेंगी, वहीं दूसरी ओर किसानों के जीवन में रजिस्ट्री रोक का असर गहरा संकट बन गया है।

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