NHM contract health workers:हड़ताल तीसरे दिन भी जारी,मांगें पूरी नहीं होने पर जताई नाराजगी

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NV News Mungeli :जिले भर के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों,(NHM contract health workers ) की हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही। नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और सेवा शर्तों में सुधार जैसी विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी आगर क्लब मैदान में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी करते रहे। लगातार आंदोलन के कारण जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। टीकाकरण सत्र से लेकर सामान्य उपचार कार्य तक प्रभावित हो चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें लंबे समय से लंबित हैं और शासन-प्रशासन की उपेक्षापूर्ण रवैया उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए मजबूर कर रहा है। संघ के पदाधिकारियों में अमित दुबे, पवन निर्मलकर, डॉ. अखिलेश बंजारे, देवी प्रसाद साहू, अमित सिंह, राजकुमार साहू, भुवन साहू, जीतेन्द्र गौचंद, कैनेड़ी, रितेश मिश्रा, शशांक उपाध्याय, सुष्मा पाण्डेकर, अमिताभ तिवारी, डॉ. मीनाक्षी बंजारे, डॉ. विजयलक्ष्मी यादव, संतोष बघेल, बलराम साकत, गोविन्द साहू, पुष्पांजलि डहरिया, शकुंतला बंजारे, देवी प्रसाद, संजय बंजारे, जोहन सप्रे, संदीप बंजारे और अलिसा दान ने संयुक्त रूप से बताया कि कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों को सरकार के सामने पहले भी कई बार रखा गया है।

उन्होंने याद दिलाया कि बीते माह 16 एवं 17 जुलाई को दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल भी की गई थी और तब सरकार को 15 अगस्त तक ठोस निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया गया था। लेकिन समयसीमा बीत जाने के बाद भी शासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। इससे आहत होकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

कर्मचारी संघ का कहना है कि इससे पहले भी 15 दिसंबर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक लंबी हड़ताल की गई थी, तब शासन ने एक माह में न्यायोचित मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था। लेकिन लगभग दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। कर्मचारियों ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से सरकार की उपेक्षापूर्ण कार्यशैली को दर्शाता है, जिसके चलते संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को मजबूरन दोबारा आंदोलन करना पड़ रहा है।

प्रमुख मांगें

धरने पर बैठे कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगें सामने रखीं हैं, जिनमें शामिल हैं–

  1. संविलियन एवं स्थायीकरण (नियमितीकरण)
  2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
  3. ग्रेड पे निर्धारण
  4. लंबित 27% वेतन वृद्धि का भुगतान
  5. कार्य मूल्यांकन (सीआर) में पारदर्शिता
  6. नियमित भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए सीटों का आरक्षण
  7. अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान
  8. मेडिकल और अवकाश सुविधा उपलब्ध कराना
  9. स्पष्ट स्थानांतरण नीति
  10. 10 लाख तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा सुविधा

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

हड़ताल के चलते जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में काम पूरी तरह ठप पड़ गया है। टीकाकरण सत्र प्रभावित होने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को समय पर टीके नहीं मिल पा रहे हैं। ग्रामीणों को सामान्य जांच, दवा और आपात सेवाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

चुनावी असर की चेतावनी

कर्मचारी संघ ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगों का निराकरण जल्द नहीं किया गया, तो वे पूर्व की तरह इस बार भी आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतने पर मजबूर करेंगे। उनका कहना है कि वे अपनी मांगों को पूरी तरह विधिसम्मत ढंग से रख रहे हैं, लेकिन सरकार का मौन रवैया कर्मचारियों में असंतोष पैदा कर रहा है।

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