Health update:सिर्फ स्मोकिंग नहीं अब ये भी बढ़ा रहे कैंसर का खतरा, जानिए पूरी खबर…

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अगर आप भी सोचते हैं कि स्मोकिंग ना करने से कैंसर का खतरा नहीं,तो ये खबर आपके लिए है! डॉक्टरों का कहना है कि गले का कैंसर अब नॉन- स्मोकर्स भी तेजी से हो रहा है जानिए क्यों और कैसे..

HPV वायरस क्या बन रहे है बड़ी वजह ?                 

डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा (सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, C.K. बिड़ला हॉस्पिटल): बताते हैं कि आजकल HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) से गले के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड वायरस है, जो खासतौर पर मुंह और गले के टिशूज को प्रभावित करता है।

• सेक्शुअल बिहेवियर में बदलाव भी कारण।

• ओरल सेक्स जैसी आदतों के चलते HPV संक्रमण तेजी से  फैल रहा है।

• इससे स्मोकिंग न करने वालों के गले में भी कैंसर का      खतरा बढ़ गया है।

केवल वायरस नहीं, ये आदतें भी बना रही हैं रिस्क:

• अत्यधिक शराब का सेवन ।

•फल-सब्जियों की कमी वाली डाइट।

•ओरल हाइजीन की अनदेखी।

•प्रदूषण और हानिकारक केमिकल्स का एक्सपोजर।

ये सभी फैक्टर गले के टिशूज को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं  और कैंसर की आशंका बढ़ा देते हैं।

कौन-सा कैंसर ज्यादा खतरनाक?

• स्मोकिंग से जुड़ा कैंसर: ज्यादा आक्रामक और तेजी से    फैलने वाला।

• HPV से जुड़ा कैंसर:इलाज को बेहतर रिस्पॉन्ड करने      वाला और कम घातक

अब बिना चीरे होती है सर्जरी – TORS तकनीक:   

Transoral Robotic Surgery (TORS) एक नई तकनीक है जिसमें बिना कोई बाहरी चीरा लगाए, मुंह के रास्ते रोबोट की मदद से ट्यूमर हटाया जाता है।

• कमर दर्द

• जल्दी रिकवरी।

• शुरुआती स्टेज के कैंसर में बेहद कारगर।

• बायो-सिलेक्शन से पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट।

• पहले दी जाती है 2–3 साइकिल कीमोथेरेपी।

• देखा जाता है ट्यूमर कितनी तेजी से सिकुड़ता है।

उसके आधार पर तय होता है आगे का इलाज (रेडिएशन, TORS या ऑपरेशन)।

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