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N.V News रायपुर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की छत्तीसगढ़ महिला समाज संघ ने प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी का विरोध प्रदर्शन किया। शराबबंदी, अश्लील पोस्टर, विज्ञापन और पोर्न फिल्मों पर तत्काल बैन को लेकर महिला समाज संघ ने धरना प्रदर्शन किया।
शराबबंदी के लिए इससे पहले भी महिलाओं और अन्य संगठनों द्वारा लगातार समय-समय पर विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा है। लेकिन भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में आने के बाद इसका मांग और तेज हो गया।
हाल ही में भूपेश सरकार ने शराबबंदी को लेकर एक अहम कदम उठाया है, भारत वाहिनी नाम से संगठन तैयार किया जाएगा जो, राज्य के 10 हजार ग्राम पंचायतों में सर्वे करेगा। जिसके बाद क्रमानुसार शराबबंदी की प्रक्रिया को अमल किया जाएगा। हालांकि कांग्रेस सरकार पिछले 3 वर्षों से यही कहती आ रही है कि शराबबंदी के लिए एक कमेटी बनाया गया है जो अपना रिपोर्ट रिसर्च और सर्वे के बाद सरकार को सौंपगा, लेकिन! 3 साल बीत जाने के बाद भी यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपा है। इसलिए भी सरकार द्वारा उठाए गए इस इस कदम को लोग शंका की निगाहों से देख रहें है।
महिला संघ की सचिव योगेश्वरी साहू ने कहा कि, चाहे भाजपा का 15 साल की सरकार हो या भूपेश बघेल की दोनों ने ही शराबबंदी के नाम पर प्रदेश की जनता को धोखा दिया है। शराब की लत ने आज क्या बच्चा, जवान और बूढ़ा सब इसकी चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं।
भविष्य की धरोहर बच्चे और परिवार का रीढ़ पुरुष होता है, और अगर यह कमजोर हो रहा है तो महिला सशक्तिकरण कैसे संभव है। हम भूपेश सरकार से निवेदन करते हैं कि अगर नारियों का मान और स्वाभिमान की रक्षा करना चाहते हैं तो सबसे पहले शराब को बंद करें।
महिला संघ की अध्यक्ष मालती परगनिहा ने बताया कि आज सरकार महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रहे है, लेकिन! यह सब व्यर्थ है। क्योंकि जब तक यह दो स्तंभ मजबूत नहीं होगा तब तक नारी शक्ति का विचार और प्रयास दोनों निरर्थक है। महिला संघ शराबबंदी को लेकर कई वर्षों से प्रयासरत है। कई बार धरना प्रदर्शन, रैलियां, ज्ञापन और जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों में जन जागरूकता फैला रही है। संघ की टीम प्रदेश की ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर सुदूर अंचलों तक फैली है जो लगातार प्रयास कर रही है कैसे समाज को नशा मुक्त किया जाए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलब्ध में महिला संगठनों ने मांग किया है कि नशा बंदी को तुरंत लागू किया जाए एवं अश्लील साहित्य फिल्म विज्ञापन एवं पूर्ण फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध किया जाए।