जहां प्यास थी वर्षों पुरानी, वहां अब मिल रहा स्वच्छ पानी — अचानकमार के सुदूर वनांचल में कलेक्टर और एस.पी. ने बोर का पानी पीकर किया बदलाव का संदेश

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NV News Mungeli:मुंगेली, छत्तीसगढ़ — वर्षों से प्यास से जूझ रहे अचानकमार के सुदूर वनांचलों में अब स्वच्छ पेयजल की सौगात पहुंच रही है। प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशील पहल के चलते ग्रामीणों को अब साफ और सुरक्षित पानी मिलना शुरू हो गया है। इस बदलाव को देखने और महसूस करने खुद जिले के कलेक्टर  कुन्दन कुमार और पुलिस अधीक्षक  भोजराम पटेल अचानकमार पहुंचे।

यहां उन्होंने ना केवल विकास कार्यों की समीक्षा की, बल्कि ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी परेशानियों को भी करीब से समझा। गांव के एक बोरवेल से पानी निकालकर जब अधिकारियों ने खुद उसी पानी को पिया, तो यह ग्रामीणों के लिए एक बड़ा संदेश था — अब उनका पानी भरोसेमंद और स्वच्छ है।

कलेक्टर  कुन्दन कुमार ने बताया कि प्रशासन की प्राथमिकता यही है कि दूरस्थ अंचलों के हर व्यक्ति को बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराई जाएं। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि जो सुविधाएं शहरों में उपलब्ध हैं, वे अब जंगलों के बीच बसे इन गांवों तक भी पहुंचें। पानी जीवन का मूल है, और इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा दायित्व है।”

एस.पी. भोजराम पटेल ने भी ग्रामीणों से संवाद किया और बताया कि पुलिस केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी में भरोसे की भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र जितना खूबसूरत है, उतनी ही इसकी चुनौतियाँ भी हैं। पर हम हर चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।”

ग्रामवासियों ने इस पहल का खुले दिल से स्वागत किया। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने भावुक होकर कहा, “पहले गर्मियों में हमें मीलों दूर चलकर पानी लाना पड़ता था। आज हमारे गांव में ही बोरवेल से शुद्ध पानी मिल रहा है, और कलेक्टर साहब ने खुद पानी पीकर हमें भरोसा दिलाया कि अब ये पानी पीने योग्य है।”

पेयजल व्यवस्था के अंतर्गत हैंडपंपों, बोरवेल और मिनी जलप्रदाय योजनाओं को तेज़ी से क्रियान्वित किया जा रहा है। वनवासी क्षेत्रों के लिए विशेष सर्वे कर वहां प्राथमिकता से जल स्रोत तैयार किए जा रहे हैं। इस कार्य में स्थानीय युवाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

अचानकमार जैसे दुर्गम क्षेत्रों में प्रशासन की ऐसी पहलें न केवल विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास की नई नींव भी रख रही हैं। यह उदाहरण साबित करता है कि जब प्रशासन संवेदनशीलता के साथ कार्य करे, तो वर्षों पुरानी प्यास भी बुझ सकती है — और वह भी स्वच्छ जल से।

यह पहल न केवल जल संकट को दूर करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह मानवता, सेवा और समर्पण का अद्भुत उदाहरण भी बन गया है।

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