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N.V.News मुंगेली: एक ओर प्रदेश सरकार गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कार्यों की बात कर रही है, वहीं मुंगेली जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यपालन अभियंता एस.के. सतपथी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। जिले में 15 जून से लगातार हो रही बारिश के बावजूद खम्हरिया से तराईगांव तक ₹2.5 करोड़ की लागत से हो रहे डामरीकरण कार्य में जमकर घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
हैरत की बात यह है कि यह कार्य उस समय किया गया जब स्वयं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव 21 जून को जिले के दौरे पर थे। इंजीनियरिंग मानकों के अनुसार बारिश के दौरान डामरीकरण करना तकनीकी रूप से वर्जित है, क्योंकि यह कार्य सतह की सूखने की स्थिति और तापमान पर निर्भर करता है। ऐसे में यह कार्य न केवल नियमों की अनदेखी है बल्कि जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी भी मानी जा रही है।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो ठेकेदार को “खुली छूट” मिली हुई है और विभागीय अधिकारी आंख मूंदकर सबकुछ नजरअंदाज कर रहे हैं। कार्य स्थल पर न कोई SDO मौजूद था और न ही कोई सब-इंजीनियर। डामर और बिटुमिन जैसी महत्वपूर्ण सामग्री को तय स्थानों से न लाकर कई किलोमीटर दूर से लाया गया, जिससे गुणवत्ता और अधिक संदिग्ध हो गई।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी इस मामले को और संदेहास्पद बना रही है। मंत्री के दौरे के बावजूद अब तक किसी भी प्रकार की जांच या कार्यवाही नहीं हुई है, जिससे यह आशंका गहराती है कि कहीं पूरा सिस्टम ही इस कथित भ्रष्टाचार में मौन समर्थन दे रहा है?
यह मामला न सिर्फ विभागीय लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि लोक निर्माण मंत्री अरुण साव की कार्यप्रणाली और जिले पर उनके प्रशासनिक नियंत्रण पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।