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NV News:- आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव और एंग्जायटी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, आर्थिक तंगी – ये सभी कारण मानसिक तनाव को जन्म दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति अवसाद और आत्मघाती प्रवृत्तियों तक पहुंच सकती है।
अक्सर लोग तनाव (Stress) और एंग्जायटी (Anxiety) को एक जैसा मान लेते हैं, लेकिन दोनों में स्पष्ट अंतर है। तनाव एक बाहरी कारणों से उत्पन्न होने वाला मानसिक दबाव होता है, जैसे कि ऑफिस का काम या पारिवारिक कलह, जबकि एंग्जायटी एक अंदरूनी डर या आशंका होती है, जो बिना किसी ठोस कारण के भी महसूस होती है।
तनाव के सामान्य लक्षणों में चिड़चिड़ापन, थकान, नींद की कमी, सिर दर्द और एकाग्रता में कमी शामिल हैं। वहीं एंग्जायटी के लक्षणों में लगातार घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, पसीना आना और सांस लेने में कठिनाई देखी जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्थितियों से निपटने के लिए नियमित योग, ध्यान, समय पर नींद, सकारात्मक सोच और कार्यों की योजना बनाकर चलना बेहद जरूरी है। इसके अलावा यदि स्थिति गंभीर हो तो किसी पेशेवर से परामर्श लेना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ता दबाव इस बात का संकेत है कि अब समय आ गया है जब समाज को मानसिक समस्याओं को गंभीरता से लेना होगा और इन्हें सामान्य बातचीत का हिस्सा बनाना होगा।