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N.V.News अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां लुंड्रा थाने में पदस्थ आरक्षक अमित कुमार रजवाड़े ने प्रताड़ना और अनदेखी से परेशान होकर पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया है। आरक्षक ने अपने त्यागपत्र में पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न, धमकी और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
अमित कुमार रजवाड़े ने कहा कि उन्होंने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर शिकायतें कीं, लेकिन न तो उन्हें न्याय मिला और न ही उनकी बातों को गंभीरता से लिया गया। उनका आरोप है कि आईजी कार्यालय के स्टेनो पुष्पेंद्र शर्मा और अन्य अधिकारियों ने उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई, तो उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई और उनका ट्रांसफर रामानुजगंज कर दिया गया, जिसे उन्होंने दंडात्मक बताया है।
अमित कुमार रजवाड़े ने वर्ष 2024 में 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला मणिपुर थाने में दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन वहां एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई। उन्होंने इस बारे में एसपी और आईजी से शिकायत भी की, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके अतिरिक्त, उनके घर से दो लाख रुपये मूल्य के जेवर और मोटर पंप चोरी की घटनाएं हुईं, जिनकी एफआईआर लखनपुर थाने में दर्ज हुई, पर आरोप है कि वहां के प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी ने घूस लेकर कोई कार्रवाई नहीं की।
आरक्षक अमित कुमार रजवाड़े का इस्तीफा अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में पुलिस विभाग की कार्यशैली को लेकर गहरा आक्रोश है। आम जनता और सामाजिक संगठनों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या ईमानदार अधिकारियों की बात सुनी जाएगी या वे यूं ही सिस्टम की भेंट चढ़ते रहेंगे?