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NV News:- ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना ‘रत्न भंडार’ आज खुलेगा। राज्य सरकार आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए इस खजाने को 46 साल बाद खोल रही है। इससे पहले यह सन् 1978 में खोला गया था ।
तीन देवताओं के रखे हैं बेशकीमती गहने ।
चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में एक रत्न भंडार है। कहा जाता है कि इसी रत्न भंडार में जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के गहने रखे गए हैं। कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे। उन सभी को रत्न भंडार में रखा जाता है। इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत बेशकीमती बताई जाती है। आज तक इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है। यह ऐतिहासिक भंडार जगन्नाथ मंदिर के जगमोहन के उत्तरी किनारे पर है।
बता दें, पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1952 के तहत तैयार किए गए अधिकारों के रिकॉर्ड में भगवान जगन्नाथ के आभूषणों की एक सूची शामिल है।
रत्न भंडार क्या है?
रत्न भंडार ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का खजाना है, जिसमें मंदिर के तीन प्रमुख देवताओं—जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा—के बेशकीमती गहने रखे गए हैं। यह खजाना मंदिर के जगमोहन के उत्तरी किनारे पर स्थित है।
रत्न भंडार का इतिहास
रत्न भंडार को 12वीं शताब्दी में निर्मित जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे, जिन्हें इस भंडार में सुरक्षित रखा गया है। रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत बेशकीमती बताई जाती है, और आज तक इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है।
रत्न भंडार को इससे पहले 1978 में खोला गया था। अब, 46 साल बाद, राज्य सरकार इस खजाने को फिर से खोल रही है। इस खजाने को खोलने का उद्देश्य आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची बनाना है।
रत्न भंडार को फिर से क्यों खोला जा रहा है?
पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1952 के तहत तैयार किए गए अधिकारों के रिकॉर्ड में भगवान जगन्नाथ के आभूषणों की एक सूची शामिल है। इस सूची को अपडेट करने और आभूषणों की मौजूदा स्थिति की जाँच करने के लिए रत्न भंडार को फिर से खोला जा रहा है।
सांप कर रहे रक्षा…!
बताया जाता है कि आंतरिक रत्न भंडार से अक्सर फुफकारने की आवाजें आती रहती हैं। यह भी मान्यता है कि सांपों का एक समूह भंडार में रखे रत्नों की रक्षा करता है। इसलिए रत्न भंडार को खोले जाने से पहले मंदिर समिति ने भुवनेश्वर से सांप पकड़ने में निपुण दो व्यक्तियों को पुरी बुलाया है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में रत पड़ने पर वे तैयार रहें। आपातकालीन स्थिति से निपटने के जरूरत लिए डॉक्टरों की एक टीम भी मौजूद रहेगी