Share this
NV News बिलासपुर Bilaspur: Airport upgradation development work: पांच साल पहले वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी अरुण साव ने चुनावी सभाओं में दो प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया था। बिलासा एयरपोर्ट का विकास और उन्नयन व उसलापुर, मुंगेली डोंगरगढ़ व्हाया खैरागढ़-कवर्धा नई रेल लाइन का विस्तार। ये दोनों बिलासपुर और मुंगेली जिलेवासियों के अलावा अंचलवासियों के लिए अब भी सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पूर्व सांसद साव का एक वादा पूरा हो रहा है। बिलासा एयरपोर्ट के उन्नयन के साथ ही विकास कार्य ने गति पकड़ ली है। लेकिन डोंगरगढ़ से बिलासपुर व्याहा खैरागढ़-कवर्धा नई रेल लाइन के विस्तार का मामला ठंडे बस्ते में है।
Bilaspur: Airport upgradation development work केंद्र सरकार ने नई रेललाइन के लिए वैसे तो 100 करोड़ का प्रविधान बजट में रखा है, लेकिन फंड के प्रविधान के बाद भी यह फाइलों में कैद है। अब तक भूमि अधिग्रहण सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं। छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड ने अब तक हुए काम की समीक्षा का कार्य प्रारंभ किया था। तब यह आस जगी थी कि आने वाले दिनों में जमीन अधिग्रहण और प्रभावितों को मुआवजा देने पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। नई रेललाइन से रेलवे को फायदा होगा ही, स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा। चुनाव के पहले मार्ग का सर्वे किया गया था। सरकार बदल गई। अब नए सिरे से समीक्षा की बात कही जा रही है।
नई रेल लाइन से रेलवे और लोगों को यह होगा फायदा
डोंगरगढ़ से खैरागढ़, कवर्धा होते हुए बिलासपुर जाने वाली नई रेल लाइन की दूरी 270 किलोमीटर है। इस मार्ग में छुईखदान, गंडई, नंदिनी, अहिवारा, बेरला, बेमेतरा, थान खम्हरिया, कवर्धा, पंडरिया, घुटकू, उस्लापुर समेत अन्य शहर और गांव आएंगे। इससे यहां रहने वाले लोगों को एक सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी। वहीं मालगाड़ियों के आने-जाने के लिए भी एक नया मार्ग मिल सकेगा। लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी।
एक योजना यह भी
कवर्धा पूरे प्रोजेक्ट का केंद्र बिंदु होगा। यह डोंगरगढ़ से बिलासपुर के ठीक बीच में पड़ेगा। इसकी वजह से यहां मेंटेनेंस डिपो बनाया जा सकता है। यहां पर वाशिंग लाइन के साथ कोचिंग स्टाक भी रहेगा। यहां ट्रेन कुछ अधिक देर के लिए रुकेगी। इस दौरान व्हील आदि की जांच भी की जा सकेगी। इसी वजह से यहां मेकेनिकल डिपो का प्रस्ताव रखा गया है। कवर्धा स्टेशन में कोच की भी क्लिनिंग हो सकेगी। इन सारी चीजों को देखते हुए स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।
विकास को मिलेगी गति, निवेश की संभावना
रेललाइन नहीं होने की वजह से खैरागढ़ से कवर्धा के बीच का इलाका सालों बाद विकसित नहीं हो पाया है। 5500 एकड़ की खाली जमीन की मौजूदगी के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग की समस्या के चलते उद्योगपति यहां निवेश नहीं करना चाहते। यह दिक्कत रेललाइन आने के बाद खत्म हो जाएगी। इन हिस्सों के नगर सीधे बड़े शहरों से जुड़ जाएंगे। व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार आसानी हो सकेगा। इससे बड़ी राहत मिलेगी। मुंबई-हावड़ा रूट में पहले से ही गुड्स ट्रेनों की संख्या अधिक है। गुड्स ट्रेनों को पास करने के लिए आउटर में लोकल और पैसेंजर ट्रेनों को रोक दिया जाता है।
केंद्र देगा पैसा, राज्य सरकार करेगी काम
इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड बनाया गया है। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार पैसा देगी और राज्य सरकार पूरा करने का काम करेगी। इसी वजह से राज्य स्तरीय समिति बनाई गई है। इसमें लोक निर्माण विभाग समेत मुख्य मंत्री सचिवालय से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है। विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार दो स्टेशनों के बीच न्यूनतम दूरी 5.952 और अधिकतम दूरी 12.25 किलोमीटर होगा। इस तरह औसतन दो स्टेशनों के बीच 9.25 किलोमीटर की दूरी होगी। रेल रूट ब्राड गेज होगी। इसमें अधिकतम 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से ट्रेनें चल सकेंगी। स्टेशनों को गांवों और कस्बों के करीब होंगे, ताकि लोगों को स्टेशन तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
ये वादा हो रहा साकार
(Bilaspur: Airport upgradation development work) एयरपोर्ट के उन्नयन व सुविधा विस्तार पर काम जरूर हो रहा है। अब तो मौसम खराब होने के बाद भी लैंडिंग में अड़चनें नहीं आएंगी। यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि है। चुनावी घोषणा जो अब तकरीबन पूरी होती दिखाई दे रहा है। नाइट लैंडिंग के कार्य के लिए रनवे विस्तार के लिए बिलासा एयरपोर्ट को अब भी 286 एकड़ जमीन की जरूरत है। सेना के अफसरों की देखरेख में सीमांकन का कार्य चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द जमीन एयरपोर्ट प्रबंधन के हवाले कर दी जाएगी। इसके बाद विकास कार्य तेज गति से होगा।