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Operation Muskan: मध्य प्रदेश पुलिस घर से लापता हुई बालिकाओं को ढूंढने के लिए जनवरी से ऑपरेशन मुस्कान चला रही है. इस अभियान के पहले चरण में लापता हुयीं 2444 लड़कियों को राज्य के अंदर और बाहर से बरामद किया है. जबकि इस अभियान के तहत दो अलग-अलग चरण में अब तक 4402 लड़कियों को सुरक्षित उनके घर वापस पहुंचाया गया है.
मध्य प्रदेश पुलिस की तत्परता और सतर्कता से ऑपरेशन मुस्कान के तहत दो चरणों में 4402 लड़कियों की सुरक्षित घर वापसी कराई गई है. इस ऑपरेशन के तहत पड़ोसी राज्यों के साथ ही दूर-दराज के राज्यों से लड़कियों को बरामद किया गया है. बरामद 3713 लड़कियों को प्रदेश में ही अलग-अलग जगहों से सुरक्षित निकाला गया, तो वहीं दूसरे राज्यों से 689 लड़कियों बरामद कर उनके परिजनों तक दोबारा मिलने की राह आसान की.
गौरतलब हो कि, घर से लापता लड़कियों का पता लगाने के साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई करने मध्य प्रदेश पुलिस ने जनवरी 2021 में ऑपरेशन मुस्कान चलाया था. ऑपरेशन मुस्कान के पहले चरण में 2444 तो दूसरे चरण में 1958 लड़कियों को बरामद किया गया. जांच में पता चला कि इनमें से 1880 लड़कियां नाराज होकर तो 994 प्रेम-प्रसंग के चलते लापता हुई थीं. वहीं 222 लड़कियां ऐसी थीं, जिन्हों नें आर्थिक तंगी के घर छोड़ा था. जबकि अपनी मर्जी से रिश्तेदारों के घर जाने के मामले 690 और लैंगिक शोषण के 252 मामले में लड़कियां घर से लापता हुई थीं.
जांच में बरामद लड़कियों के लापता होने के यह हैं कारण
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश पुलिस ने पहले चरण में 4 और दूसरे चरण में 3 ऐसी लड़कियों को राजस्थान से बरामद किया गया है. इन लड़कियों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए राजस्थान लाया गया था. हालांकि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एक जनवरी 2022 से 31 जनवरी तक इस विशेष अभियान को स्थगित किया गया है. बरामद हुई लड़कियों में से नाराज होकर घर से जाने वाली 1082 बच्चियों की पहले चरण में सुरक्षित बरामदगी किया गया है. आपरेशन मुस्कान के दूसरे चरण घर से नाराज होकर लापता हुई 798 थी. वहीं अपनी मर्जी से 690 लड़कियां घर छोड़कर गई थीं इसके तहत पहले चरण में 322 तो दूसरी चरण में 798 लड़कियों की घर वापसी हुई.
घर वालों की इच्छा के खिलाफ आगे की पढ़ाई करने के लिए 51 बच्चियों ने घर छोड़ा, इस मामले में पहले चरण में 33 और दूसरे में 16 बच्चियों को घर वापस पहुंचाया गया. रास्ता भटकने की वजह से लापता 79 लड़कियों में से ऑपरेशन मुस्कान के पहले चरण में 57 और दूसरे चरण में 22 की बरामदगी हुई. प्रेम प्रसंग के चलते घर से लापता हुई बालिकाओं में से 994 लड़कियों को वापस लाया गया, इस मामले में पहले चरण में 502 और दूसरे में 492 लड़कियों को उनके परिजनों से वापस मिलवाया गया. आपरेशन मुस्कान के पहले और दूसरे चरण में मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों और गांवों से जबरन ले जाई गईं 259 लड़कियों को भी सकुशल बरामद कर उनके घर भेज दिया
गया. इस अभियान पहले चरण में लैंगिक शोषण के लिए जबरन ले जाई गईं 119, तो ऑपरेशन मुस्कान के दूसरे चरण में 133 लड़कियों को सुरक्षित बरामदगी हुई.
मध्य प्रदेश पुलिस ने इस संबंध में बताया कि इनमें से अधिकतर मामलों में लड़कियों के घर छोडऩे की वजह प्रेम प्रसंग है और वह पीड़िताएं नाबालिग हैं. वहीं नौकरी का झांसा देकर 3 तो बंधुआ बनाई गई 4 लड़कियों को भी सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया. शादी का प्रलोभन देकर ले जाई गईं 13, घूमने चले जाने के कारण लापता हुईं 8, कम उम्र की अबोध लापता हुईं 21 लड़कियों को ऑपरेशन मुस्कान के जरिए सुरक्षित घर वापस पहुंचाया गया है.
इन राज्यों से बरामद की गई लापता हुई लड़कियां
जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन मुस्कान के तहत सबसे अधिक गुजरात से लड़कियों को लाया गया, जहां ऑपरेशन मुस्कान के पहले चरण में 83 और दूसरे चरण में 76 लड़कियों को बरामद किया गया है. मध्य प्रदेश पुलिस ने महाराष्ट्र से 132, उत्तरप्रदेश से 114, राजस्थान से 80 दिल्ली से 44, हरियाणा से 38, छत्तीसगढ़ से 32, पंजाब से 19, तेलंगाना से 17, बिहार से 8 लड़कियों को बरामद कर वापस लाया गया. वहीं सोशल मीडिया पर दोस्ती होने पर घर से लापता हुईं 21 लापता हुई लड़कियों को बरामद किया गया, जिसमें पहले चरण में 12 तो ऑपरेशन मुस्कान के में 9 बालिकाओं को उनके घर पहुंचाया गया.
मध्य प्रदेश पुलिस के इस अभियान की हाइकोर्ट ने भी की थी तारीफ
मध्यप्रदेश पुलिस के इस प्रयास को उच्च न्यायालय जबलपुर ने 22 जनवरी को एक केस के दौरान सराहना की थी, जब पुलिस ने जिला मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल से त्वरित कार्यवाही कर 19 साल की बच्ची को बरामद किया था. इसी अभियान के दौरान जिला सीहोर पुलिस ने 2013 में एक लापता नाबालिग बच्ची के मामले का खुलासा किया था, जिसमें गुमशुदा 17 साल की नाबालिग बच्ची को उसके परिजनों के जरिये ही दफना दिया गया था. इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.