छत्तीसगढ़ में अवैध धान पर कड़ा शिकंजा: 16 दिनों में 19,320 क्विंटल धान जब्त, सीमावर्ती जिलों में सख्त निगरानी
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने से पहले ही शासन ने अवैध धान परिवहन के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। राज्य में 1 नवंबर से 16 नवंबर तक विभिन्न जिलों से कुल 19,320 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। मार्कफेड और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमें सीमावर्ती इलाकों में लगातार चेकिंग अभियान चला रही हैं।
मार्कफेड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक अवैध धान महासमुंद जिले में 4,266 क्विंटल मिला है। इसके बाद बलरामपुर 4,139 क्विंटल, सूरजपुर 1,750 क्विंटल, रायगढ़ 1,201 क्विंटल, जशपुर 1,157 क्विंटल, और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 967 क्विंटल धान बरामद किया गया है। राज्य के सभी 33 जिलों में सख्त निगरानी जारी है।
मार्कफेड ने इस वर्ष विशेष तौर पर सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्ट और कलेक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की है, जिससे अन्य राज्यों से होने वाली अवैध धान आमद पर बड़ा नियंत्रण देखने को मिला है। साथ ही इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से धान खरीदी व्यवस्था की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है।
त्वरित कार्रवाई: 600 बैग अवैध धान जब्त:-
इंटीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टम से मिले अलर्ट के बाद मार्कफेड टीम ने कोंडागांव जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 600 बैग (231.5 क्विंटल) अवैध धान जप्त किया। त्वरित अलर्ट-रिस्पॉन्स सिस्टम की बदौलत सीमावर्ती जिलों में अवैध परिवहन पर प्रभावी रोक लगी है।
रात्री गश्त में पकड़े गए 222 कट्टा धान:-
इसी क्रम में रात्री गश्त के दौरान ग्राम त्रिशूली (थाना सनवाल) क्षेत्र में 222 कट्टा (88.8 क्विंटल) धान पकड़ा गया। विवाद की स्थिति को देखते हुए अगले दिन तहसीलदार, थाना प्रभारी और मंडी कर्मचारियों की मौजूदगी में विस्तृत जांच की गई और धान की वैधानिक जप्ती की गई।
शासन की चेतावनी: “जीरो टॉलरेंस”:-
खाद्य विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस, मार्कफेड और जिला प्रशासन मिलकर राज्य में आने वाले अवैध धान पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं
